पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के समक्ष भी चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। व्हाइट हाउस ने यह बात स्वीकार किया कि बाइडन प्रशासन चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में लगा हुआ है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से माना कि बाइडन प्रशासन चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में संलग्न है। साकी ने कहा कि चीन का मकसद अमेरिका के दीर्घकालिक तकनीकी लाभ को कम करना है। व्हाइट हाउस का यह बयान ऐसे समय आया है, जब रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कहा गया है कि बाइडन प्रशासन चीन के प्रति काफी उदार रवैया अपना रहा है। इसके बाद बाइडन प्रशासन की ओर से यह बयान सामने आया है। बाइडन प्रशासन ने संकेत दिया है कि चीन के साथ उसका संघर्ष जारी है।
सीनेटर टेड क्रूज ने वीडियो जारी कर लगाया आरोप
अमेरिका में यह बहस तब तेज हो गई जब, रिपब्ल्किन पार्टी के सीनेटर टेड क्रूज ने एक वीडियो जारी कर यह आरोप लगाया है कि चीन को लेकर बाइडन प्रशासन का रुख नरम है। क्रूज ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि चीन को लेकर बाइडन प्रशासन का रुख नरम है। दरअसल, हाल में बाइडन प्रशासन ने चीन से जुड़े शोधकर्ताओं तथा अकादमी क्षेत्र के लोगों के खिलाफ जांच रोकने या उन्हें माफी देने के संकेत दिए थे। इसके बाद रिपब्लिकन पार्टी ने चीन के साथ संबंधों में उदारता का आरोप लगा है। इस समय डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन के बीच विवाद बढ़ गया है। साकी ने कहा कि हमें चीन के उद्देश्यों के बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए, जो कि अमेरिका के दीर्घकालिक लाभ को कम करने के लिए है। साकी ने कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती है। प्रेस सचिव ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने अपने सहयोगियों के समक्ष वार्ता के दौरान यह बात रखी।
ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन का बढ़ता दखल
इधर, चीन ने लगातार ताइवान में अपना दखल देना जारी रखा है। अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने के बाद ताइवान के मुद्दे पर चीन ज्यादा मुखर हुआ है। हालांकि, इस मुद्दे पर अमेरिका ने बहुत संतुलन प्रतिक्रिया दी है। दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच उसने एंटी डिफेंस मिसाइल का परीक्षण किया है। इस परीक्षण के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ा है। इससे कहीं न कहीं अमेरिकी हित भी प्रभावित हुआ है। चीन ने यह परीक्षण उस वक्त किया है जब दक्षिण चीन सागर पर उसका कई तटीय मुल्कों से विवाद चल रहा है। इसके साथ भारत-चीन सीमा पर लगातार संघर्ष चल रहा है।