मोहम्मद सिराज का संघर्ष : घरेलु मैच में 9 विकेट लिए इनाम में पांच सौ रुपये मिले

ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत की चर्चा अब भी विश्व क्रिकेट में है. जीत की कहानियां, उसके सुपरस्टार अब भी सुर्खियों में हैं. मोहम्मद सिराज को सबसे चमकते सितारे के तौर पर देखा जा रहा है. उनके संघर्ष की एक से एक दास्तान लोगों के सामने आ रही हैं. एक ऑटो ड्राइवर के परिवार में जन्मे मोहम्मद सिराज इस तारीफ के हकदार भी हैं. सीरीज शुरू होने से पहले पिता के इंतकाल के बाद भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ही रहने का फैसला किया.

मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने करियर की शुरूआत की तो कमाल की परिपक्वता दिखाई. सिडनी में ‘नस्लीय टिप्पणी’ का शिकार हुए लेकिन आपा नहीं खोया. ब्रिस्बेन में उन्होंने पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया. 

बचपन में जब मोहम्मद सिराज टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे तो अक्सर मां से डांट पड़ती थी. पिता तो फिर भी हौसलाअफजाई करते थे लेकिन मां कभी-कभी पिटाई भी करती थीं. उनकी शिकायत होती थी कि पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने की बजाए मोहम्मद सिराज हमेशा खेल में लगे रहते हैं. कई बार तो मोहम्मद सिराज स्कूल ‘बंक’ करते थे. इसके लिए उन्हें एक कहानी गढ़नी पड़ती थी. दरअसल स्कूल के दिनों में मोहम्मद सिराज के पिता उनके लिए ‘टिफिन’ लाया करते थे. जिस दिन सिराज को स्कूल बंक करना होता था वो उस दिन अपने पिता से कहते थे कि आज स्कूल में कोई आयोजन है इसलिए खाना लाने की जरूरत नहीं है.

मोहम्मद सिराज जब थोड़ा बड़े हुए तो अपने मामा के साथ क्रिकेट खेलने जाया करते थे. उस समय सिराज को रोजाना 70 रुपये की पॉकेट मनी मिलती थी. जिसमें से 60 रुपये पेट्रोल में खर्च हो जाया करते थे. कभी कभार अगर बाइक पंक्चर हो जाए तो बचे हुए दस रुपये भी खर्च हो जाते थे. इन्हीं दिनों में मोहम्मद सिराज ने एक मैच में 9 विकेट लिए. इसके बाद उन्हें पांच सौ रुपये का इनाम मिला था. हालात ऐसे थे कि जब मोहम्मद सिराज रणजी ट्रॉफी खेलने लगे थे तब भी उनके पास बाइक ही थी. जबकि उनके साथ के कई खिलाड़ी कार से आया करते थे.

ये किस्सा भी मोहम्मद सिराज के संघर्ष का है. मोहम्मद सिराज आंध्र प्रदेश के लिए खेलने जा रहे थे. रास्ता बस से तय करना था. उन्हें संगीत सुनने का शौक था. रास्ते में संगीत सुनने के लिए मोबाइल चाहिए थे. लेकिन मोबाइल था ही नहीं. मोहम्मद सिराज को एक दोस्त ने उस समय अपना मोबाइल उधार दिया था, जिससे उनके सफर की बोरियत खत्म हुई थी.

मोहम्मद सिराज को अंडर-23 का कैंप ज्वॉइन करना था. उससे कुछ दिन पहले ही उन्हें डेंगू हो गया था. ब्लड सेल्स काफी कम हो गए थे. मोहम्मद सिराज को अस्पताल में ‘ग्लूकोज’ चढ़ाया जा रहा था. उन्होंने कोच को बताया कि वो कैंप में नहीं आ पाएंगे. कोच को लगा कि मोहम्मद सिराज बहानेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहाकि या तो मैदान में पहुंचो या फिर टीम से बाहर बैठो. मोहम्मद सिराज को समझ आ गया था कि अब जिएं या मरें लेकिन मैदान में तो जाना ही होगा. सिराज डॉक्टरों को बिना बताए चुपचाप अस्पताल से मैदान चले गए थे.

मोहम्मद सिराज ने 2017 में टी-20 करियर की शुरुआत की थी. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ जिस टेस्ट मैच में उन्होंने अपना करियर शुरू किया था. उससे ठीक पहले वाला मैच आशीष नेहरा का आखिरी मैच था. मोहम्मद सिराज विराट कोहली के बड़े दीवाने थे. जब वो ड्रेसिंग रूम में पहुंचे और सामने विराट को बैठा देखा तो वक्त ठहर सा गया. वो एकटक विराट कोहली को देखे ही जा रहे थे. आखिर में विराट कोहली ने पूछ ही लिया- मियां क्या हो गया है तुम्हें?

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