उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने बुधवार को दो प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये. पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के लिये अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. जिसके बाद अब अचानक यूपी की राजनीति में हलचल मची हुई है. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अपने कोर वोटबैंक मुस्लिमों को साधे रखने के लिए अहमद हसन को और किसान आंदोलन को देखते हुए जाट समुदाय से आने वाले राजेंद्र चौधरी को एमएलसी प्रत्याशी बनाया है.
जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नाम जाहिर कर दिए हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अभी भी इस मामले में गोपनीयता रखी हुई है. बीजेपी ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है.
अहमद हसन
अखिलेश यादव की तरफ से विधान परिषद के प्रत्याशी बनाए गए अहमद हसन सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं. आईपीएस की नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने राजनीति में समाजवादी पार्टी के साथ अपने कदम बढ़ाए. जिसके बाद से ही हसन विधान परिषद के सदस्य हैं. वहीं समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. माना जाता है कि पार्टी में अहमद हसन ओबीसी और मुस्लिम समुदाय का चेहरा हैं. ऐसे में अखिलेश की तरफ से उनके नाम का ऐलान अपने मुस्लिम और ओबीसी समुदाय के वोटबैंक को साधे रखना माना जा रहा है.
राजेंद्र चौधरी
अखिलेश यादव की तरफ से विधान परिषद के प्रत्यशियों के नामों के ऐलान में राजेंद्र चौधरी एक खास चेहरा हैं. तकरीबन 40 साल से मुलायम सिंह यादव जुड़े रहने वाले राजेंद्र चौधरी 1974 में गाजियाबाद से चुनाव हार गए थे, लेकिन फिर साल 1977 में उसी सीट से जीत दर्ज कर वो विधानसभा पहुंचे. इस दौरान मुलायम सिंह यादव सहकारिता मंत्री थे और ये वही दौर था जब मुलायम सिंह और राजेंद्र चौधरी करीब आये. तब से ये रिश्ता अटूट रिश्ता रहा.
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में मौजूदा समय में 402 सदस्य हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी के 310, समाजवादी पार्टी के 49, बहुजन समाज पार्टी के 18, अपना दल (सोनेलाल) के नौ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, राष्ट्रीय लोकदल के एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के एक सदस्य हैं.भाजपा के साथ अपना दल (सोनेलाल) का गठबंधन है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार 11 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरू हुई प्रक्रिया 18 जनवरी तक चलेगी और 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 21 जनवरी को नाम वापसी और 28 जनवरी को मतदान होगा. 28 जनवरी की शाम से ही मतगणना की भी प्रक्रिया शुरू होगी.
विधान परिषद की जिन 12 सीटों पर चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई है उसके मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है. जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें विधान परिषद के सभापति रमेश यादव (समाजवादी पार्टी), उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा (भाजपा) और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह प्रमुख हैं.