मकर संक्रांति का पर्व इस साल 14 जनवरी को मनाया जाने वाला है। वहीं इस पर्व से ठीक एक दिन पहले यानी 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि लोहड़ी हरियाणा और पंजाब का बहुत बड़ा पर्व है और इसे खासतौर पर किसानों के द्वारा मनाया जाता है। वहीं अब इस पर्व को भारत के दूसरे राज्यों में भी धूम धाम से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी के पर्व की रात सर्दियों की आखिरी सबसे लंबी रात होती है और इसके बाद से रात धीरे धीरे छोटी होना शुरू हो जाती है। इस पर्व के बाद से दिन बड़ा होना शुरू हो जाता है और इसी के साथ शरद ऋतु यानी सर्दियों का असर भी कम होने लगता है। अब आज हम आपको बताते हैं ऐसा क्यों।।।?

जी दरअसल ऐसा माना जाता है लोहड़ी के अगले दिन मकर संक्रान्ति का त्योहार होता है। वहीं मकर संक्रान्ति के दिन सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध की ओर बढ़ने लगते हैं। इसे ज्योतिषी भाषा में सूर्य का दक्षिणायण से उत्तरायण होना कहते हैं। कह जाता है सूर्य मकर संक्रान्ति के दिन से उत्तर दिशा की ओर बढ़ना शुरू हो जाता है और इससे दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और फिर रात छोटी होने लगती है।
वैसे उसके बाद 21 मार्च को सूर्य बीचोंबीच हो जाता है, और उस समय दिन और रात दोनों ही समान होते हैं। इस दृश्य को वैज्ञानिक भाषा में इक्विनॉक्स कहते है। अंत में जैसे जैसे सूरज उत्तरी गोलार्द्ध की तरफ बढ़ता जाता है, दिन बड़ा और रात छोटी होती जाती है और ये पूरी प्रक्रिया 21 जून को खत्म हो जाती है। आप जानते ही होंगे 21 जून को सबसे लंबा दिन होता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal