पंजाब में सर्द मौसम ने लोगों की हालत बुरी कर दी है। राज्य में शीतलहर के कारण घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है और यह माइनस में पहुंच गया है। बठिंडा में वीरवार को पारा गिरकर -0.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। राज्य के अन्य स्थानों पर भी तापमान लगातार गिर रहा है और सर्द हवाएं चल रही है। अमृतसर में वीरवार को तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
साल 2020 के आखिरी दिन बठिंडा पूरे पंजाब के शहरों से सबसे ठंडा रहा। यहां पर वीरवार को न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री दर्ज किया गया है। हालांकि अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री रहा। मौसम विभाग का दावा है कि साल के आखिरी दिन कभी भी बइिंडा का तापमान माइनस में नहीं गया। पिछले 21 साल के रिकार्ड की बात की जाए तो ऐसा कभी नहीं हुआ।
टूटा 21 साल का रिकार्ड, 2020 के आखिरी दिन -0.5 पर बठिंडा
वर्ष 2014 के बाद पहली बार इस साल दिसंबर के दिन सामान्य से ज्यादा ठंडे रहे। इसी कारण नए साल का स्वागत कड़ाके की सर्दी के साथ होगा। तापमान में गिरावट के साथ साथ सड़कों पर गहरी धुंध देखने को मिली, जिसकी वजह से सड़कों पर दृश्यता भी 100 मीटर तक रही। दोपहर को निकली धूप भी लोगों को शीतलहर से राहत नहीं दिला सकी। सर्दी के दिनों में 21 साल बाद ऐसे हुआ कि ठंड सितम ढा रही है। 2019 में दिसंबर के 23 दिनों में से आठ दिन बेहद से गंभीर स्तर तक ठंडे रहे तो दिसंबर 2020 में 11 दिन ठंडे रहे।
वहीं 1992-2018 तक सिर्फ चार बार ऐसे हालात बने जब आठ या इससे ज्यादा दिन बेहद ठंडे से गंभीर स्तर तक ठंडे रहे। इसके तहत 2003 के दिसंबर में ठंडे दिनों की संख्या 9 थी तो 2014 में आठ दिन इस स्तर की ठंड पड़ी। वहीं 1997 में 17 दिन बेहद व गंभीर स्तर तक ठंडे थे।
सर्दी के कारण वीरवार को कोहरे की चादर ओढ़कर दिन निकला। इस बीच चली सर्द हवाओं ने गलन बढ़ा दी। हाथ-पैर ठंडे करने वाली इस ठंड के बीच लोगों की घर से निकलने की हिम्मत नहीं हो रही थी। ठंड से बचाव के लिए टोपी, मफलर, दस्ताने व जैकेट भी नाकाफी रहे। करीब साढ़े ग्यारह बजे तक कोहरा छाये रहने से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। कोहरा हल्का हुआ लेकिन धूप नहीं निकलने से गलन बनी रही।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डाा. राज कुमार ने बताया कि पश्चिमी हवाएं चलने से गलन बढ़ी है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी, जिसके साथ दिन व रात का तापमान गिरेगा। मगर पहले हफ्ते में कोहरा और घना हो जाएगा। इस दौरान तापमान सामान्य रहेगा। दूसरी तरफ बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्रों में आने वाली सर्द हवाओं के कारण दिन व रात के तापमान में लगातार अंतर आ रहा है।
दिन व रात के तापमान में अंतर कम होने के कारण दिन भी बेहद सर्द हो रहे हैं। अगर मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो अधिकतम तापमान में गिरावट आ सकती है। जिसके चलते अधिकतम तापमान भी लुढ़ककर आठ के करीब भी पहुंच सकता है। वहीं कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं।
31 दिसंबर को पिछले 21 साल का रिकार्ड (डिग्री सेल्सियस)
साल अधिकतम न्यूनतम
2000 8.5 22.0
2001 4.5 13.5
2002 8.5 22.0
2003 4.0 17.0
2004 8.8 18.0
2005 6.2 20.5
2006 3.8 18.0
2007 3.8 18.0
2008 5.0 13.5
2009 2.0 20.0
2010 5.4 11.4
2011 2.2 20.0
2012 4.6 12.6
2013 6.4 15.4
2014 3.6 11.2
2015 4.5 23.2
2016 8.0 12.4
2017 4.0 20.4
2018 2.6 20.4
2019 3.8 9.2
2020 -0.5 16.5