इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हर पांच में से चार व्यक्ति यह मानता है कि देश गलत दिशा में जा रहा है। यह जानकारी एक नए सर्वे में सामने आई है, जिसके रिपोर्ट मंगलवार को जारी किए गए। यह सर्वे रिसर्च कंपनी आइपीएसओएस ने की है। न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि केवल 23 फीसद लोगों का मानना है कि देश सही दिशा की ओर बढ़ रहा है। 77 फीसद लोग इसके उलट मानते हैं। 1 दिसंबर से 6 दिसंबर 2020 के बीच किए गए सर्वेक्षण में देश भर के 1,000 से अधिक लोग शामिल हुए।
पिछले साल, चौथी तिमाही में 21 फीसदी लोगों का मानना था कि देश सही रास्ते पर चल रहा है, जबकि 79 फीसदी लोगों की राय इससे उलट थी। इस साल, 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी मौजूदा वित्तीय स्थिति कमजोर है, 13 प्रतिशत ने इसे मजबूत बताया और 51 प्रतिशत ने कहा कि यह न तो मजबूत है और न ही कमजोर है। द न्यूज इंटरनेशनल ने इसकी जानकारी दी।
इस बीच, पिछले साल के आंकड़ों से पता चलता है कि 38 फीसद लोगों का मानना था कि उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर है, 5 फीसदी ने इसे मजबूत माना और 57 फीसदी ने इसे बन तो मजबूत और न ही कमजोर बताया। इस बीच प्रांत-वार मूल्यांकन पर रिपोर्ट में लगभग सभी प्रांतों की वित्तीय स्थिति खराब पाई गई।
खराब वित्तीय स्थिति में योगदान करने वाले कारकों की सूची में मुद्रस्फीति पहले स्थान पर है। सिंध में खराब वित्तीय स्थिति के लिए 20 फीसद लोग बेरोजगारी, 17 फीसद लोग कोरोना और 16 फीसद लोग गरीबी को जिम्मेदार मानते हैं। पंजाब के 23 फीसद लोगों ने बेरोजगारी आठ फीसद ने कोरोना और 14 फीसद ने गरीबी को खराब वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार माना है। इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा में लगभग 18 प्रतिशत बेरोजगारी, 12 प्रतिशत कोरोना वायरस और 8 प्रतिशत गरीबी को प्रांत की वित्तीय स्थिति का कारण मानते हैं। बलूचिस्तान के 25 फीसद लोगों ने बेरोजगारी, दो फीसद कोरोना और 25 फीसद गरीबी को खराब वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार मानते हैं।