अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव मे जो बाइडन को मिली जीत की औपचारिक पुष्टि हो चुकी है। उन्हें देश के सभी 50 राज्यों ने 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलने की पुष्टि की है। किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट की जरूरत होती है। बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार स्वीकार करेंगे।
अब मतदान के नतीजों को वाशिंगटन भेजा जाएगा। यहां कांग्रेस के संयुक्त सत्र में आधिकारिक तौर पर उनकी गिनती होगी। इसकी अध्यक्षता उपराष्ट्रपति माइक पेंस करेंगे। इसके बाद बाइडन का राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने का रास्ता खुल जाएगा। पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि यदि बाइडन इलेक्टोर कॉलेज में अपनी जीत की पुष्टि कर देते हैं तो वे ऑफिस छोड़ देंगे।
अमेरिका के निर्वाचन मंडल ने जो बाइडन को देश के राष्ट्रपति और भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति के पद के लिए बहुमत देकर उनकी जीत की औपचारिक पुष्टि कर दी। इसके साथ ही निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस कानूनी लड़ाई को विराम लग गया, जिसमें चुनाव में व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी होने का आरोप लगाया गया था.
कानून के अनुसार, निर्वाचन मंडल की बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले पहले सोमवार को होती है। इस दिन सभी 50 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के निर्वाचक अपना मत डालने के लिए बैठक करते हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव तीन नवंबर को हुआ था।
हालांकि निर्वाचन मंडल की बैठक मात्र औपचारिकता होती है, लेकिन यह बैठक इस साल पहले की तुलना में अधिक चर्चा में रही, क्योंकि देश के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप ने हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया और चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। ट्रंप 538 सदस्यीय निर्वाचन मंडल का भी बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने निर्वाचक मंडल द्वारा उनकी जीत पर मुहर लगाने के बाद अमेरिका के लोगों से कहा कि देश में लोकतंत्र बरकरार रहा। उन्होंने कहा कि देश को दिशा निर्देशित करने वाले सिद्धांतों की अवहेलना का प्रयास किया गया लेकिन यह कमजोर नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘पहले जो नहीं जानते थे, अब वे भी इससे वाकिफ हैं। अमेरिकी लोगों के दिलों में यह बात गहराई से बैठी है कि लोकतंत्र बरकरार रहा है। सच की जीत हुई। आपके मतों की गणना हुई और आपके द्वारा चुने हुए नेता ही देश का नेतृत्व करेंगे।’ उन्होंने कहा कि ट्रंप की कार्रवाई ने अमेरिका के मूल लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना की, यहां तक कि सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण भी प्रभावित हुआ।