कोलंबो। श्रीलंका में इंसान और हाथियों के बीच संघर्ष के कारण दुनिया में सबसे अधिक हाथी की मौत दर्ज की गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी है। द्वीप-राष्ट्र की सार्वजनिक लेखा समिति (COPA) ने सेंटर फॉर कंज़र्वेशन एंड रिसर्च के प्रमुख और प्रसिद्ध हाथी विशेषज्ञ डॉ. पृथ्वीराज फर्नांडो को इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष को लेकर एक विशेष ऑडिट का आदेश दिया था।

हाल ही में आयोजित सीओपीए की बैठक में, यह बात भी सामने आई कि संघर्ष के दौरान इंसानों की मौत के मामले में भारत के बाद श्रीलंका विश्व में दूसरे नंबर पर है। डेली न्यूज ने इसकी जानकारी दी है।
सीओपीए समिति के अध्यक्ष तिस्सा वितराना ने कहा कि पिछले 12 महीनों में, श्रीलंका में मनुष्यों के साथ संघर्ष में मारे गए हाथियों की संख्या पिछले वार्षिक औसत 272 से बढ़कर 407 हो गई। मारे गए लोगों की संख्या भी प्रति वर्ष औसतन 85 से बढ़कर 122 हो गई।
वितराना और अन्य सदस्यों ने श्रीलंका में इंसान और हाथी के बीच संघर्ष को हल करने के लिए अधिक कुशल कार्यक्रम पर एक साथ काम करने के लिए वन्यजीव विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर समस्या बनगई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामवे को हल करने के 60 वर्षों के प्रयासों के बावजूद, कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है और समाधान खोजने के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
सीओपीए ने मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए वन्यजीव संरक्षण विभाग को सभी संबंधित संस्थानों के साथ जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय समन्वय समिति गठित करने का निर्देश दिया। समिति ने बताया कि संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए 2016 तक 4,211 किलोमीटर की फेंसिंग की गई थी,
लेकिन अनुचित रखरखाव के कारण वे थोड़े समय ही खराब हो गए, जबकि इसके रखरखाव के लिए 86 मिलियन रुपये सालाना खर्च किए जाते हैं। समिति ने वन्यजीव संरक्षण विभाग को यह निगरानी करने की आवश्यकता बताई कि क्या यह रखरखाव दैनिक आधार पर किया जा रहा है।
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