नई दिल्ली। नगरोटा में सुरक्षा बलों की सतर्कता ने जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों का समय रहते सफाया तो कर दिया है लेकिन केंद्र सरकार इस पूरे घटनाक्रम को एक चेतावनी के तौर पर ले रही है। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में इस हमले के संदर्भ में सुरक्षा इंतजामों की उच्चस्तरीय समीक्षा की गई। वहीं विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत आतंकवाद से राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त आफताब हसन खान को सम्मन कर बुलाया और उन्हें स्पष्ट शब्दों में बताया कि, भारत सीमा पार आतंकवाद से अपनी राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पाक उच्चायुक्त को बुलाने की वजह यह है कि जैश-ए-मोहम्मद का संचालन पाकिस्तान से ही हो रहा है और भारत का मानना है कि पाकिस्तान सेना उसे पूरी मदद कर रही है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 19 नवंबर की नगरोटा में आतंकियों को मारे जाने की घटना की शुरुआती जांच यह बताती है कि यह हमला करने के लिए भारत में घुसे आतंकी पाकिस्तान से संचालन हो रहे आतंकी संगठन जैश के सदस्य हैं। इस आतंकी संगठन पर संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। जैश ने पहले भी भारत में कई हमले किये हैं। भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद जब्त किए गए जो संकेत देता है कि आतंकी काफी तैयारी से आए थे।
यह भी संकेत है कि आतंकियों का मकसद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला करके उसे नुकसान पहुंचाना था। पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को बुला कर फटकार लगाई साथ ही भारत पर हमला करने की साजिश पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकी संगठनों को मदद देना बंद करे और उनके ढांचे को तबाह करे।
भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए गए वादे को पूरा करना चाहिए और अपने देश के आतंकियों को भारत के खिलाफ किसी भी तरह के हमला करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है।
विदेश मंत्रालय के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं क्योंकि इससे पहले जब भी पाकिस्तान के उच्चायुक्त को बुलाया गया है ऐसी चेतावनी नहीं दी गई है। सनद रहे कि पिछले हफ्ते एलओसी पर अकारण गोलीबारी में कई भारतीय नागरिकों की मौत के बाद भी पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि भारत में जैश की नए सिरे से सक्रियता बेहद चिंताजनक है।
इस बार शुरुआत से ही चौकसी बरती जा रही है। जैश के आतंकियों इसी तरह से पूर्व में घुसपैठ करके पठानकोट जैसे हमले को अंजाम दे चुके हैं। जैश का मुखिया मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान पिछले एक दशक से झूठ पर झूठ बोलता रहा है। पठानकोट हमले के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था और बाद में बहावलपुर स्थित उसके हेडक्वार्टर पर भी पाबंदी लगाई गई थी। मसूद अजहर को कुछ समय के लिए जेल में भी बंद किया गया था लेकिन अब उसके बारे में कोई जानकारी पाक सरकार नहीं देती है।
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