नई दिल्ली। उत्तर भारत में इन दिनों लगातार गिरते तापमान के बीच हिमाचल और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर बर्फबारी भी देखने को मिल रही है। बर्फबारी के चलते मैदानी क्षेत्रों सर्द हवाओं के साथ गुलाबी ठंड भी अपना असर दिखाती दिख रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से जारी वायु प्रदूषण को लेकर कोई राहत की खबर नहीं आई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ ने बताया कि शनिवार सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 443 रहा. उसके मुताबिक दिल्ली में दिवाली तक हवा का स्तर गंभीर श्रेणी में बने रहे का अनुमान है।

वहीं दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में रविवार को बारिश होने की भी संभावना जताई गई है। ऐसा बंगाल की खाड़ी मे तूफानों के कारण होगा। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल में अलग अलग जगहों पर बारिश होने का अनुमान है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, कर्नाटक, लक्षद्वीप,अंडमान-निकोबार, केरल में रविवार को गरज के साथ बारिश हो सकती है।
जानकारी दी गई है कि अगले दो दिनों में दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के कुछ राज्यों में बारिश होने का अनुमान है। इसके साथ ही उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में ठंड का प्रभाव भी बढ़ सकता है। आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में लगातार अगले 3-4 दिनों तक मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है. पिछले कुछ घंटों में केरल के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई है।
वहीं पंजाब और निकटवर्ती क्षेत्रों में शनिवार को इस मौसम में पराली जलाए जाने की सबसे अधिक घटनाएं हुई जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार की सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही. दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दीपावली पर भी शहर की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में ही बने रहने की आशंका है। उसने बताया कि शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 4,528 घटनाएं हुईं।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मोबाइल ऐप समीर के मुताबिक शनिवार सुबह दिल्ली का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 443 तथा शाम को 427 दर्ज किया गया. विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि मौसम संबंधी परिस्थितियां प्रदूषकों के बिखराव के लिए थोड़ी अनुकूल हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाने की अधिक घटनाएं रहीं।
सफर ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि आठ और नौ नवंबर को सतही हवाओं की गति में कमी आएगी. पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी नहीं आती है तो हालात बेहतर होने की कोई उम्मीद नहीं है। 13 नवंबर को एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी की ऊपरी सीमा और 14 नवंबर (दीपावली) को ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने की आशंका है।
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