राजस्थान सरकार राज्य में मास्क पहनने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है और इसके लिए कानून बनाया जाएगा। सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में इस संबंध में एक विधेयक लाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब तक दवा नहीं आती तब तक मास्क पहनने, दो गज की दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने जैसे उपाय अपनाकर ही कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
गहलोत वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से राज्य में दो अक्तूबर से चलाए जा रहे ‘नो मास्क-नो एंट्री-कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन‘ अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारियों, कॉलेजों के प्राचार्यों, नगर निगम और नगर परिषद् के अधिकारियों आदि से संवाद कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि राज्य के गांव-ढ़ाणी तक इस अभियान को सफल बनाने के लिए समाज का हर वर्ग और तबका पूरी प्रतिबद्धता से सरकार के साथ जुटे।
उन्होंने कहा कि जब तक आमजन में यह जागरूकता नहीं आएगी कि मास्क नहीं पहनने वाला व्यक्ति यदि संक्रमित है तो वह दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है, तब तक यह अभियान अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने पटाखे रहित दिवाली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण से कोविड फैलने का खतरा बढ़ सकता है और संक्रमित व्यक्तियों और ठीक हो चुके लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।
चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कोरोना वायरस से जीवन रक्षा के लिए हम सभी पटाखे रहित दीपावली मनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।