बिहार विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रैली को संबोधित किया. सासाराम की रैली में पीएम मोदी के निशाने पर लालू परिवार और पूर्व की यूपीए की सरकार रही. नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करते हुए पीएम मोदी ने लोगों से फिर एनडीए सरकार बनाने की अपील की. तो वहीं, गलवान वैली से लेकर पुलवामा के आतंकी हमले और अनुच्छेद 370 का भी जिक्र किया.
सासाराम की रैली में पीएम मोदी के संबोधन की दस बड़ी बातें-
- अगर बिहार में कोरोना को लेकर तेजी से काम ना हुआ होता तो काफी लोगों की जान चली जाती. अमीर से अमीर देश इससे नहीं बच पाए हैं.
- बिहार के लोग कभी कन्फ्यूज़ नहीं होते हैं, फिर एक बार एनडीए सरकार बनने जा रही है. कुछ लोग भ्रम फैलाने में लग जाते हैं और अचानक नई शक्ति को बढ़ाते हैं लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ता. बिहार का मतदाता भ्रम फैलाने वालों को खुद ही नाकाम कर रहा है. जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने को उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे.
- बिहार के सपूत गलवान घाटी में शहीद हो गए, लेकिन भारत माता का सिर नहीं झुकने दिया. ऐसा ही पुलवामा के हमले में हुआ था, तब भी बिहार के बेटों ने भारत माता का सिर नहीं झुकने दिया था.
- लालटेन का जमाना गया और बिहार में बिजली की खपत तीन गुना बढ़ गई है. पहले बिहार में सूरज ढलने का मतलब होता था, सबकुछ बंद हो जाना. आज बिजली है.. रोशनी है.. और ऐसा माहौल है जिसमें बिहार का नागरिक आराम से रह सकता है. पहले यहां बिहार में सरकार चलाने वालों के सामने हत्या, डकैती होती थी.
- जो लोग सरकारी नौकरी में रिश्वत खाते थे, वो फिर बिहार को ललचाई हुई नजरों से देख रहे हैं. बिहार के नौजवानों को याद रखना है कि राज्य को मुश्किलों में डालने वाले कौन थे. पहले यहां राशन लूट लिया जाता था, लेकिन अब हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त में राशन दे रही है.
- आज देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन ये लोग विकास में रोड़ा बन रहे हैं. जब देश ने किसानों के हक में फैसला लिया, तो ये लोग बिचौलियों को बचाने में लगे हैं. पीएम ने कहा कि इनके लिए देशहित नहीं, दलालों का हित अधिक महत्वपूर्ण है.
- हमने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया, लेकिन अब ये लोग इसे पलटना चाहते हैं. विपक्ष कह रहा है कि सत्ता में आने पर फिर से अनुच्छेद 370 को लागू कर देंगे. ये लोग किसी की भी मदद ले लें, लेकिन देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा.
- जब राजद को सत्ता से बेदखल किया गया तो ये लोग बौखला गए. राजद ने दस साल तक यूपीए सरकार का हिस्सा रहते हुए बिहार के लोगों पर गुस्सा निकाला. राजद ने नीतीश जी के दस साल बेकार कर दिए, बाद में जब 18 महीने की सरकार बनी तो परिवार ने क्या-क्या खेल किया सबको पता है. जब नीतीश जी इस खेल को समझ गए तो उन्होंने सत्ता छोड़ने का फैसला लेना पड़ा.
- बिहार के भविष्य के लिए हम फिर नीतीश जी के साथ आए हैं. मेरे पीएम बनने के बाद बिहार और दिल्ली सरकार ने तीन साल तक मिलकर काम किया है, अब हमारी सरकार आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण में जुटी है.
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा में की. फिर रामविलास पासवान, रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने केंद्र सरकार की योजनाओं को गिनाया, साथ ही भोजपुरी भाषा में पढ़ाई करने वाले कानून की भी बात की.