बिहार में स्वरोजगार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आज मुद्रा योजना से गरीबों को, महिलाओं को, युवा उद्यमियों को, दुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है। गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैं, उनको बैंकों से मिलने वाली सुविधा बढ़ाई गई है।
देश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुए, अब कोशिश होगी, मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकि कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाया जाएगा।
ड्रोन की मदद से गांव के घर-घर की मैपिंग की जा रही है। सारी कार्यवाही के बाद गांव के लोगों को, हर एक नागरिक का उनके घर का, उनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है।
भारत के गांवों में रहने वालों की स्वामित्व की दिक्कत को दूर करने की केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहा है