लखनऊ। यूपी के बलिया जिले के दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान के चयन के लिए आयोजित बैठक के दौरान हंगामा हो गया जिसमें एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई। पुलिस के सामने ही युवक को गोली मार दी गई।
हत्या के दूसरे दिन हीं पुलिस के कई बड़े अफसरों ने गांव में अपना डेरा जमा लिया है। सुबह ही एडीजी, डीआईजी ने दुर्जनपुर पहुंचे। वहीं, मृतक के परिजनों का आरोप है कि आरोपी धीरेंद्र सिंह को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया। वहीं पुलिस अफसरों का कहना है कि अरोपी की तलाश हो रही है इससे पहले आज सुबह मृतक का पोस्टमार्टम किया गया।
ये है पूरा मामला
रेवती क्षेत्र के ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की दो दुकानों के आवंटन के लिये गुरुवार दोपहर में पंचायत भवन में खुली बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। बैठक के दौरान दुर्जनपुर की दुकान पर सहमति नहीं बनी।
बाद में वोटिंग कराने का निर्णय हुआ तो हंगामा शुरू हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हंगामा होते ही अधिकारियों ने बैठक स्थगित कर दी और जाने लगे। हालांकि इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। बैठक स्थगित होने के बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। मारपीट के दौरान एक पक्ष के पूर्व फौजी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गोली चला दी जिससे दूसरे पक्ष के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल (46)निवासी दुर्जनपुर घायल हो गए। बताया जा रहा है कि जयप्रकाश को चार गोली लगी थी।
दुर्जनपुर में कोटे की दुकान आवंटन के दौरान हुआ विवाद
आननफानन में उसे सीएचसी सोनबरसा ले गए जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। देवेंद्र नाथ, एसपी के मुताबिक एसडीएम ने दुर्जनपुर में कोटे की दुकान आवंटन के दौरान विवाद होने पर आवंटन प्रक्रिया को बंद करा दिया था। इसके बाद लोग अपने घरों को लौटने लगे थे। इसबीच आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्लू ने फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में जयप्रकाश उर्फ गामा को गोली लगने से वे घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल भेजवाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कई पर कार्रवाई
इस मामले में लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री ने एसडीएम, सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में आठ नामजद समेत 25 पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।