लॉकडाउन में परिवार आर्थिक संकट से जूझने लगा तो खो-खो के राष्ट्रीय खिलाड़ी ने गली-गली जाकर ठेले पर सब्जियां बेचना शुरू कर दिया। जिला खो-खो संघ ने राशन की व्यवस्था कराई पर कुछ दिन बाद राशन मिलना भी बंद हो गया।
अभी भी वह सब्जियां बेचकर परिवार का गुजर बसर कर रहा है। रामबाग निवासी राम किशोर गुप्ता का घर के पास ही फुटपाथ पर होटल था जो लॉकडाउन में बंद हो गया।
उनका पुत्र शिवम खो-खो का राष्ट्रीय खिलाड़ी है। शिवम ने बताया कि हफ्ते भर तक तो किसी तरह काम चला पर इसके बाद समस्याएं आनी लगीं। इस पर उसने भाई अंकुश के साथ मंडी से सब्जी खरीदी और गली-गली बेचना शुरू कर दिया।
इलाहाबाद में 2013 में हुई सब जूनियर स्कूल खो-खो प्रतियोगिता में यूपी टीम का हिस्सा बने।
कौशांबी में 2014 में हुई ओपेन नेशनल टूर्नामेंट में भी यूपी टीम का हिस्सा रहे।
बिजनौर में 2017 व 2018 में हुई सीनियर नेशनल खो खो प्रतियोगिता में भी यूपी टीम का हिस्सा रहे।
इलाहाबाद में 2019 में हुए टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।