टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुरेश रैना जम्मू-कश्मीर के युवाओं के क्रिकेट कौशल को बढ़ावा देंगे। इसके लिए रैना ने जम्मू और कश्मीर में पांच-पांच स्कूलों को स्थापित करने पर सहमति जताई है। इसमें विशेषतौर पर दूरदराज के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
युवाओं की क्रिकेट प्रतिभा तलाशने के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्लेटफार्म देने का मौका दिया जाएगा। रैना ने शुक्रवार को श्रीनगर में एलजी मनोज सिन्हा के साथ मुलाकात में उनके आग्रह पर दोनों संभागों में स्कूल खोलने के लिए हामी भरी।
उन्होंने कहा कि वह प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोफेशनल स्तर पर प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभा की पहचान करने की जरूरत होती है, जिसमें उनके कौशल को मजबूत बनाकर उन्हें आगे लाया जा सकता है।
एलजी ने जम्मू-कश्मीर में खेल संस्कृति विकसित करने के संकल्प को दोहराया। इसमें शिक्षा के साथ खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रतिभाशाली युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव, बीवीआर सुब्रह्मण्यम, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा और कौशल विकास डॉ. असगर सामून, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार और युवा सेवा एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव सरमद हफीज मौजूद रहे।
सुरेश रैना ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी दिलबाग सिंह के साथ मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर के युवाओं में खेल कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। इसमें युवाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में जेके पुलिस की कई योजनाओं पर बात हुई।
डीजीपी सिंह ने पुलिस मुख्यालय में आने के लिए रैना का धन्यवाद करने के साथ जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में युवाओं को अपनी सेवाओं को स्वेच्छा से देने के लिए स्टार खिलाड़ी की प्रतिबद्धता की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्टार क्रिकेटर की मौजूदगी से लोगों, विशेषकर युवाओं को जुड़ने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी ऊर्जा सकारात्मक दिशाओं में जाएगी।
रैना ने इससे पहले डीजीपी को लिखे एक पत्र में जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए अपनी सेवाएं देने की बात कही थी। इसमें प्रतिभाशाली युवाओं और बच्चों की पहचान की जाएगी।