केंद्र सरकार (Union Govt) ने प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade, DGFT) इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया है कि प्याज की सभी किस्मों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों को काबू में रखना है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि संक्रमणकालीन व्यवस्था (Transitional Arrangement) के तहत आने वाले प्रबंधों के प्रावधान इसके दायरे में नहीं आएंगे। बता दें कि डीजीएफटी आयात और निर्यात से जुड़े मसलों को देखने वाली इकाई है जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है। भारत से प्याज बांग्लादेश, मलेशिया, यूएई और श्रीलंका के लिए निर्यात किया जाता है। बताया जाता है कि थोक मंडियों में आठ अगस्त से ही प्याज की कीमतों में धीरे-धीरे तेजी देखी जा रही है।
प्याज कारोबारियों का कहना है कि मॉनसून के सीजन में हर साल सब्जियों की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है लेकिन इस बार कई दूसरी वजहें भी हैं। नासिक, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश की वजह से प्याज की फसल पर असर पड़ा है। इसी वजह से प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतें 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन साल 2018-19 के मुकाबले अधिक हुआ है। वहीं कारोबारियों का कहना है कि टमाटर, प्याज और आपूर्ति की सालभर बनाए रखने के लिए आपरेशन ग्रीन योजना बेअसर साबित हुई है। कुछ का मानना है कि कोरोना संकट के चलते भी आपूर्ति पर असर पड़ा है।