भगवान शनि की पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और पवित्रता का वास होता है: धर्म

शनि को ग्रहों में सेवक और न्यायधीश का दर्जा प्राप्त है. इसका सम्बन्ध व्यक्ति के रोजगार और आयु से है. यह व्यक्ति के जीवन में अनुशासन, संघर्ष और सफलता लाता है. शनि व्यक्ति के जीवन में स्थिरता लाता है. अगर शनि कमजोर हो तो व्यक्ति को रोजगार में समस्या जरूर होती है. जीवन में संघर्ष और समस्याएं लम्बे समय तक चलती हैं. व्यक्ति को कानून और शरीर से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

बासी और खराब खाद्य पदार्थ न खाएं. जरूरत से ज्यादा भोजन न करें. भोजन में काले चने, काली दाल और लौंग का प्रयोग करें. बहुत देर रात में भोजन न करें. भोजन स्टील के बर्तनों में करें. शनि की साढ़े साती या ढैय्या का प्रतिकूल प्रभाव भी इस उपाय से थोड़ा कम हो सकता है.

किसी से खराब वाणी का प्रयोग और खराब व्यवहार न करें. अपने से नीचे दर्जे के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें. बड़े बाल और बड़े नाखून न रखें. नियमित रूप से स्नान करें. साफ-सफाई से रहें. अनुशासन में रहें, समय बर्बाद न करें.

दोनों वेला, विशेषकर शाम को पूजा उपासना जरूर करें. शाम के समय शनि मंत्र का जप करें. शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाएं. शनिवार को कुछ न कुछ दान जरूर करें. एक लोहे का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें. जूते चप्पल हमेशा साफ करके ही पहनें.

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