इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान जेल से रिहा हो चुके हैं. कफील खान ने बाहर आकर आपबीती बताई और उनके साथ क्या बीती थी इसके बारे में जानकारी थी. NSA के तहत जेल में डाले गए डॉक्टर ने कहा कि क्योंकि मैंने सिस्टम को उजागर करने की कोशिश की, इसलिए योगी सरकार ने मुझे फंसा दिया.

कफील खान ने बताया कि वो अभी भी गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज से सस्पेंड हैं. कफील बोले कि मैं एक साधारण जिंदगी जी रहा था, लेकिन जब 60-70 बच्चे ऑक्सीजन की कमी की वजह से मर गए तो मैंने सिस्टम के काले सच को सामने रखा. क्योंकि लखनऊ में बैठे हुए लोगों को उनका कमीशन नहीं मिला था, योगी आदित्यनाथ को मुझसे यही दिक्कत है.
नागरिकता संशोधन बिल के मसले पर उन्होंने कहा कि मुझे CAA से दिक्कत नहीं है क्योंकि इससे नागरिकता नहीं जाती है. लेकिन उसके बाद जो क्रोनोलॉजी समझाई गई है, उससे दिक्कत है. CAA के बाद जिस NPR की बात कही गई है, उससे धर्म के आधार पर लोगों पर जुल्म होते नहीं देखना चाहता हूं.
योगी सरकार पर हमला करते हुए कफील खान ने कहा कि मुझपर 3 महीने के लिए NSA लगाया गया था, जिसके बाद उसे फिर से बढ़ा दिया गया. जब मुझे कस्टडी में लिया तो तीन दिन तक पानी नहीं दिया, साथ ही शारीरिक प्रताड़ना भी की गई. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी और मां को अदालतों के चक्कर काटने पड़े.
कफील बोले, मैं अपने बेटे से कल मिला हूं, अब वो मुझे पहचानता भी नहीं है. सरकार के द्वारा दिया गया ये सबसे बड़ा दर्द है. डॉ. कफील ने इस दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा नेता अखिलेश यादव का शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि जब वो जेल में थे तब प्रियंका ने उनकी मां से बात की थी और समर्थन जताया था.
कोरोना वायरस पर कफील ने कहा कि साल के अंत तक एक करोड़ लोग इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं. मैं योगी सरकार से अपील करता हूं कि मुझे वापस काम करने दें, ताकि मैं मदद कर सकूं. कफील खान ने कहा कि अगर मैं कपिल सिंह या कपिल मिश्रा भी होता तब भी मुझे जेल में डाल देते.
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