राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच एक महीने से भी लंबे चले सियासी संघर्ष के दौरान कांग्रेस, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमलावर रही. अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस और राजस्थान सरकार पर हमला बोला है. प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के अंदर की लड़ाई में भाजपा को बदनाम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता यह बात जनता के बीच जाकर बताएं कि भाजपा को बेवजह बदनाम किया जा रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के झगड़े से हमारा कोई लेना-देना नहीं था. जेपी नड्डा ने कांग्रेस की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जाने किन समझौतों के कारण गहलोत और पायलट एकजुट हुए हैं. यह सरकार बहुत दिन तक चलने वाली नहीं है. उन्होंने अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट के लिए दिए गए उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें गहलोत ने पायलट को नकारा और निकम्मा कहा था. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे लोग किस तरह मिलकर काम करेंगे.
जेपी नड्डा ने टीम राजस्थान को संबोधित करते हुए कहा कि जिम्मेदारी मिली है तो उसे निभा कर दिखाइए. संगठन के अन्य सहयोगी संगठनों को मजबूत कीजिए. उन्होंने आईटी सेल और कृषि प्रकोष्ठ से भी अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए कहा और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए. भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश के सभी 52000 बूथ के लोगों को वॉट्सएप के जरिए जोड़ने को कहा और लगे हाथ नेताओं को अनुशासन का पाठ भी पढ़ा दिया.
नड्डा ने कहा कि पार्टी में अनुशासन पहली प्राथमिकता है. अनुशासित लोगों को ही आगे बढ़ने का मौका दिया जाएगा. गौरतलब है कि अशोक गहलोत की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले भाजपा के चार विधायक सदन से फोन बंद कर गायब हो गए थे. वे तब सदन पहुंचे थे, जब कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. इस वजह से भाजपा ने मतदान की मांग नहीं की थी और ध्वनिमत से गहलोत सरकार का विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया था. इस मामले में प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट भेज दी है. माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद इन विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया की ओर से गठित कार्यकारिणी की यह पहली बैठक थी. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस कार्यकारिणी के गठन को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से नाराजगी भी जताई थी. उन्होंने शिकायत की थी कि उनके समर्थकों को दरकिनार किया गया है. कार्यकारिणी की बैठक से भी वसुंधरा ने दूरी बनाए रखी. हालांकि, प्रदेश के नेताओं की ओर से कहा गया कि वो भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुईं. लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पहले जो पोस्टर तैयार किए गए थे, उनसे भी वसुंधरा राजे की तस्वीर नदारद थी.