अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने में कम से कम 36 महीने से 40 महीने (3 से साढ़े 3 साल) का वक्त लग सकता है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी और इसके करीब 40 महीने के अंदर पूरा हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के नींव में मजबूती लाने के मकसद से 1200 खंभों के लिए खुदाई कराई जाएगी.
चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में हुए भव्य भूमिपूजन समारोह में देश के 36 प्रकार की आध्यात्मिक परंपराओं के साधु पधारे, जिनमें सभी राज्य और सभी भाषाओं के साथ वनवासी साधु भी थे. कुल 184 संत थे. साधु संत कोई दलित नहीं होता. अनेक संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सराहा.
उन्होंने कहा कि 1,000 साल का लक्ष्य लेकर मंदिर का निर्माण करा रहे हैं. उसी के हिसाब से शिलाएं और नींव रखी जा रही है. एलएंडटी के योग्यतम इंजीनियरों और आईआईटी के विशेषज्ञ काम पर लगे हैं. 60 मीटर नीचे की मिट्टी की जांच और भूकंप रोधी व्यवस्थाएं जारी हैं.
मंदिर निर्माण कार्य में लगने वाले समय को लेकर चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा. लार्सन-टुब्रो कंपनी ने योग्यतम विशेषज्ञों के माध्यम से भव्यतम और दीर्घकालिक समय तक सुरक्षित रह सकने वाला मंदिर 36 से 40 माह में बनकर तैयार होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सभी रामभक्त मंदिर को बनते हुए तथा जमीन में से मिले चिन्हों के दर्शन कर सकें, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं.
अयोध्या में 5 अगस्त को राम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया गया था. भूमि पूजन के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने पांडाल हटाकर साफ-सफाई के बाद निर्माण काम में तेजी लाने का निर्देश दिया था.
भूमि पूजन के बाद चंपत राय ने आजतक को बताया था कि मॉनसून के दौरान बुनियाद का काम शुरू होना मुश्किल है. बारिश की वजह से यह काम और धीमा पड़ सकता है. मंदिर के प्लिंथ और ग्राउंड फ्लोर के काम में 18 महीने तक लग सकते हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की दो मंजिल बनने में 14-18 महीने का वक्त लग सकता है. अगले 6 महीने मंदिर के अंतिम कार्यों में लगेंगे. इसमें 161 फीट के शिखर का काम भी शामिल है. मंदिर में 5 गुंबद का निर्माण हो सकता है जिसमें ज्यादा से ज्यादा वक्त लगेगा.