भारत देश के आंतरिक मामलों में चीन के ‘हस्तक्षेप’ को ‘दृढ़ता से’ खारिज करता है: विदेश मंत्रालय

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मामला उठाने की एक और कोशिश करने पर चीन पर गुरुवार को निशाना साधते हुए कहा कि चीन को ऐसे निष्फल कोशिशों से उचित सीख लेनी चाहिए। भारत ने कहा कि वह देश के आंतरिक मामलों में चीन के ‘हस्तक्षेप’ को ‘दृढ़ता से’ खारिज करता है।

चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कराने के पाकिस्तान के प्रयास का समर्थन किया। यह प्रयास भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन की पहली वर्षगांठ के दिन ही किया गया था। हालांकि यह प्रयास सफल नहीं रहा।

विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह चीन द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करता है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा ‘हमने गौर किया है कि चीन ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा शुरू की।’ इसमें कहा गया है, ‘यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने ऐसे विषय को उठाने की कोशिश की है, जो पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। पहले की तरह इस बार भी इस कोशिश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का खास समर्थन नहीं मिला।’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम हमारे आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को दृढ़ता से खारिज करते हैं और उससे इस प्रकार की निष्फल कोशिशों से उचित सीख लेने का आग्रह करते हैं।’ चीन द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का ताजा प्रयास ऐसे समय में किया गया है जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे को लेकर कटु विवाद जारी है।

पिछले साल पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित किया था। चीन जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के भारत के फैसले की आलोचना करता रहा है, खास तौर पर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का। चीन, लद्दाख के कुछ इलाके पर दावा जताता है। भारत के इस निर्णय के बाद ही चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने का कई बार प्रयास किया लेकिन इसे सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने खारिज कर दिया।

 

 

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