हमारे IPS अधिकारी विनय तिवारी को जबरन कैदी बनाकर रखने का महाराष्ट्र सरकार को कोई हक नहीं है: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे

सुशांत सिंह राजपूत मामले में आज (5 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अब बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का इस मामले पर रिएक्शन आया है. डीजीपी ने कहा कि बीएमसी को आईपीएस अफसर विनय तिवारी को वापस भेज देना चाहिए.

डीजीपी ने कहा- महाराष्ट्र सरकार को आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को बिहार वापस आने देना चाहिए. कैदी बनाकर उसे रखने का महाराष्ट्र सरकार को कोई हक नहीं है. मुंबई पुलिस का रवैया पूरी तरीके से अनप्रोफेशनल है. मैं मुंबई पुलिस के इस रवैया की कड़ी निंदा करता हूं. विनय तिवारी ऑल इंडिया पुलिस सर्विस के अधिकारी हैं.

आगे डीजीपी ने कहा- पटना पुलिस मुंबई में कैसे आगे जांच करेगी क्योंकि हमारे 4 अधिकारी तो छुप कर बैठे हुए हैं क्वरानटीन हो जाने के डर से. रिया चक्रवर्ती जब सामने ही नहीं आ रही है तो पटना पुलिस उनसे कैसे पूछताछ कर सकती है?रिया चक्रवर्ती सुशांत सिंह मामले में फरार हैं. रिया चक्रवर्ती मुंबई पुलिस के संपर्क में हो सकती हैं मगर पटना पुलिस के संपर्क में नहीं है. हम उनकी तलाश कर रहे हैं.

डीजीपी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में बिहार सरकार को 3 दिन के अंदर स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा है. मगर हम लोगों को जांच करने ही नहीं दिया है तो हम क्या रिपोर्ट सौंपेंगे ? मुंबई पुलिस ने हमें काम ही कहां करने दिया? पटना पुलिस ने 3 दिन की ही जांच में ये दिखा दिया कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में दाल में कुछ काला है. विनय तिवारी को छूट देने के लिए पटना आईजी ने जो बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखा था उसको बीएमसी कमिश्नर ने खारिज कर दिया है, जिसका मतलब ये है कि विनय तिवारी को अब 14 दिनों के क्वरानटीन में मुंबई में रहना ही होगा. मुझे तो इस बात की भी शंका है कि विनय तिवारी का अगर बीएमसी कोरोना टेस्ट करवाएगी तो उसका रिपोर्ट पॉजिटिव दे देगी.

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