प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मणिपुर को एक नई सौगात दी. हर घर जल मिशन के तहत यहां पर वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई. इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है और देश थका नहीं है. जबतक वैक्सीन नहीं आती है, हमें मजबूती से लड़ते रहना है.
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य सरकार को लगातार मदद की जा रही है, राज्य सरकार कोरोना से निपटने में लगी हुई है. पीएम ने कहा कि राज्य में करीब 25 लाख लोगों को मुफ्त अनाज मिला है, डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर मिला है. PM ने कहा कि रोज एक लाख पानी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि पूर्वोत्तर में बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्र की ओर से लगातार मदद की जा रही है. पीएम ने कहा कि आज के जल प्रोजेक्ट से सिर्फ आज नहीं बल्कि भविष्य की पीढ़ी को भी फायदा होने वाला है. शुद्ध पानी से सिर्फ प्यास नहीं बुझाएगा, लोगों को स्वस्थ रखने और रोजगार देने में का भी काम करेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल जब जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तब मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों के मुकाबले तेजी से काम करना होगा. हमारा लक्ष्य 15 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंचाना था, लॉकडाउन के वक्त में भी गांव-गांव में पाइपलाइन बिछाई गई है.
मणिपुर वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र के जल जीवन मिशन का हिस्सा है. केंद्र ने मणिपुर को 1,42,749 घरों के साथ 1,185 बस्तियों को कवर करने के लिए घरेलू नल कनेक्शन के लिए धन प्रदान किया है.
राज्य सरकार ने धन के अतिरिक्त स्रोतों के माध्यम से शेष घरों को कवर करने की योजना बनाई है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग से फंड भी शामिल है. बाहरी फंड से वित्त पोषित इस परियोजना को ग्रेटर इम्फाल योजना क्षेत्र के 16 जिलों में 2,80,756 घरों को कवर करते हुए 25 कस्बों और 1,731 ग्रामीण बस्तियों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
सरकार ने एक बयान में कहा कि मणिपुर वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. परियोजना का परिव्यय न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्तपोषित ऋण के साथ लगभग 3,054.58 करोड़ रुपये है.’