मुसलमानों का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) एक अगस्त को मनाया जाएगा. जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी. मुस्लिम समुदाय के लोगों को मंगलवार को बेसब्री से चांद का इंतजार था, लेकिन चांद न दिखने की वजह से अब एक अगस्त को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा.
बकरीद को ईद-उल-अजहा और ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है. इस त्योहार को मुख्य रूप से कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.
जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा कि मंगलवार को चांद नहीं नजर आने के कारण ईद-उल-अजहा 1 अगस्त (शनिवार) को मनायी जाएगी.
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि दिल्ली समेत भारत में कहीं भी चांद नजर नहीं आया.
ऐसे में बकरीद एक अगस्त को मनाई जाएगी. मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि दिल्ली में आसमान साफ नहीं था, लेकिन तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में जहां आसमान साफ था वहां भी चांद नहीं दिखा है.
हालांकि, कोरोना वायरस के कारण इस बार हर त्योहार बेहद ही सादगी से मनाया जा रहा है. बकरीद का त्योहार भी फीका रहेगा. कुछ राज्यों की सरकार ने तो बकरीद को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है.
महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से मस्जिद या ईदगाह के बजाय घर में रहकर ही नमाज पढ़ने की अपील की है. इसके अलावा लोगों को बकरे की जगह प्रतीकात्मक बलिदान का सुझाव दिया गया है.
सरकार की गाइडलाइन में कहा गया है कि मस्जिद, ईदगाह या सार्वजनिक स्थानों के बजाय इस बार घर पर ही नमाज पढ़ें.
सभी लाइवस्टॉक मार्केट (पशु बाजार) बंद रहेंगे. अगर कोई शख्स, बलिदान के लिए जानवर खरीदना चाहता है तो ऑनलाइन या फोन पर खरीदारी कर सकता है.