हरिद्वार में रात में हुई तेज बारिश के कारण हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड के पास की दीवार पर रखे गए बिजली के ट्रांसफार्मर पर आकाशीय बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर समेत दीवार ध्वस्त हो गई। घटना के वक्त आसपास किसी के ना होने के कारण जान के नुकसान की फिलवक्त का कोई सूचना नहीं है, जबकि इससे क्षेत्र की बिजली बाधित हो गई। पुलिस प्रशासन और श्री गंगा सभा के सेवादारों ने आसपास बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं का हर की पैडी ब्रह्मकुंड पर जाना रोक कर क्षेत्र में फैले मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया है।
हर की पैड़ी की 1935 में बनी बाउंड्रीवॉल धराशाही
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने हर की पैड़ी पहुंचकर क्षतिग्रस्त दीवार का जायजा लिया। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी दीवार का निरीक्षण किया। पैड़ी की एक दीवार की बगल में रोड की ओर भूमिगत केबिल के रिंग मेन यूनिट का बॉक्स बना हुआ था। मंगलवार तड़के इस बॉक्स पर आकाशीय बिजली आ गिरी। जिससे उसके परखच्चे उड़ गए। विस्फोट इतना भयंकर थी कि हर की पैड़ी की 1935 में बनी बाउंड्री वॉल धराशाही हो गई। गनीमत रही कि उस समय आस पास कोई मौजूद नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
वहीं, दून शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार सुबह से ही रिमझिम बारिश हुई। इससे मौसम सुहावना हो गया। वहीं, आने वाले दो दिनों में देहरादून, मसूरी क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है। उधर, बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बदरीनाथ हाइवे नंदप्रयाग के पास व भनारपानी में बंद है।
शारदा मठ की करीब 100 मीटर दीवार जमींदोज
हरिद्वार में मंगलवार रात से हो रही भारी बारिश के चलते उत्तरी हरिद्वार के रानी गली स्थित शारदा मठ की करीब 100 मीटर दीवार जमींदोज हो गई। इसके अलावा सप्त सरोवर मार्ग स्थित सप्त ऋषि चौराहा से संगम पुरी तक करीब 500 मीटर सड़क धंस गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दिनों एक निजी मोबाइल कंपनी में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए सड़क की खुदाई की थी, लेकिन गड्ढों को नहीं भरा गया। पार्षद अनिल मिश्रा ने बताया कि यूपीसीएल की ओर से तीन चार महीने पहले आश्रम की दीवार से सटाकर विद्युत लाइन भूमिगत करने के लिए खुदाई की गई थी। भारी बारिश के चलते दीवार की नीम में पानी भरने से दीवार गिरी है।
बारिश से पुश्ता ढहा, घरों में घुसा पानी
राजपुर स्थित सुमन नगर, काठबंगला क्षेत्र में पुश्ते का आधा हिस्सा ढहने से कई घरों में पानी और मलबा घुस गया। इससे स्थानीय बाशिंदों में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत ये रही कि पुश्ता पूरा नहीं टूटा अन्यथा किसी की जान भी जा सकती थी। हादसे के बाद विधायक जोशी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया।
स्थानीय निवासी गोविंद ठाकुर और गोविंद जोशी ने बताया रविवार रात को जब घर के अंदर पानी आना शुरू हुआ और देखते ही देखते करीब आठ फुट पानी भर गया। इससे घर में रखा सारा सामान खराब हो गया। हालांकि समय रहते उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था। देर रात जब बारिश थमी तो तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली।
उन्होंने बताया कि पुश्ता गिरने के कारण अब ऊपर से नाली बन गई है। भविष्य में यदि तेज बारिश होती है तो कई लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। घटना की सूचना मिलने पर मसूरी के विधायक गणोश जोशी ने प्रशासन के अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण किया और आवश्यक सुरक्षात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। विधायक जोशी ने बताया कि विमला जोशी के घर के नीचे का पुश्ता पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है और गोविंद ठाकुर के घर में पानी घुसने से घर का सामान क्षतिग्रस्त हो गया है।
उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द पुश्ता निर्माण के आदेश दिया। कहा कि बारिश के चलते दूसरे घर भी आपदा की ग्रस्त में आ सकते हैं। जोशी ने प्रभावित हुए लोगों को आपदा मद से आर्थिक सहायता देने को भी कहा। उन्होंने क्षेत्रवासियों से बारिश में जमीन ना खोदने और खुद अपना ख्याल रखने की अपील भी की।
23 घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे
उत्तराखंड को फिलहाल बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी के कुछ इलाकों में भारी बारिश की आशंका है। इस बीच दुश्वारियों का दौर बना हुआ है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे दो स्थानों पर बंद था, जिसे सोमवार शाम करीब 23 घंटे बाद खोल दिया गया है। हालांकि इससे पहले दिन में एसडीआरएफ की निगरानी में पैदल आवाजाही कराई गई।