बिहार चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा होगी लागू: पूर्व चुनाव आयुक्त

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा लागू किए जाने को लेकर जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां सरकार और चुनाव आयोग पर हमलावर हैं तो दूसरी तरफ पूर्व चुनाव आयुक्त ने इस फैसले को सही ठहराया है.

हालांकि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बातचीत में यह भी कहा कि इस फैसले को लागू करने से पहले सरकार को सभी स्टेकहोल्डर्स यानी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी. इस बातचीत को उन्होंने एक पारंपरिक प्रक्रिया बातचीत बताया.

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें कहा गया कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग, वायरस से संक्रमित मरीज और जिन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है, उन्हें मतदान केंद्रों तक आने की बजाय पोस्टल बैलट से वोट डालने का अधिकार दिया गया है.

इसी नोटिफिकेशन को लेकर वामपंथी दल और बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने न सिर्फ चुनाव आयोग पर बल्कि केंद्र सरकार पर भी हमला बोला है. दोनों विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस सुविधा के जरिये गलत तरीके से बीजेपी को बिहार चुनाव में फायदा पहुंचाने की तैयारी है.

इसी नियम पर उठे विवाद को लेकर के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से बातचीत की. उनका कहना है कि ऐसे नोटिफिकेशन और निर्देश चुनाव आयोग नहीं बल्कि केंद्र सरकार जारी करती है क्योंकि नियम बनाने का अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश में कहा गया है कि 65 वर्ष की उम्र से ज्यादा के लोग, या जिन्हें कोरोना वायरस का खतरा हो वे बाहर न निकलें.

ऐसे में जाहिर है कि वे लोग किसी भी चुनाव में मतदान बूथ तक नहीं जा सकते. शायद इसी वजह से सरकार ने पोस्टल बैलट की सुविधा के लिए आदेश जारी किए हैं.

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