विकास और उसके गुर्गों के कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराने की कार्यविधि में जुटी प्रशासन

 आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में मुठभेड़ में मारे गए मोस्टवाटेंड विकास दुबे और गुर्गों के कब्जे वाली भूमि मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को बिकरू गांव में डीएम के निर्देश पर तहसील की टीम ने गांव वालों के बयान दर्ज कर कब्जे की शिकायतें सुनी और साथ ही भूमि का चिह्नांकन भी शुरू करा दिया है।

बिकरू गांव के लोगों ने तहसील की टीम के सामने करीब 20 वर्षों से जमीन के कब्जे और उत्पीड़न की शिकायतें रखीं। गांव के अब्दुल जलील ने कहा विकास ने उसकी 3 बीघा जमीन अपने नौकर गयादीन को कब्जा करा दी थी। इस मामले में कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के रामजी ने बताया नाना सीताराम कश्यप की जमीन का गांव के लल्लू को कम कीमत में बैनामा करा दिया था। जलालुद्दीन ने कहा की विकास के भतीजे अनुराग ने उसकी दस बिस्वा जमीन का कम दामों में बैनामा करा लिया था।

गफूर खान ने कहा कि हमेशा विकास ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाया और उन लोगों का उत्पीड़न किया गया। विश्वनाथ कुशवाहा ने बताया कि 30 वर्षों में आटा चक्की से हमेशा उनके गुर्गे गेहूं की पिसाई मुफ्त में करा रहे थे। लाल मोहम्मद ने कहा की उनकी एक बीघा भूमि पर भीठी के प्रधान जिलेदार यादव के लोगों ने कब्जा किया है और भाई लल्लन की जमीन अभी तक नहीं मिल सकी है। तहसील के राजस्व निरीक्षक रामखेलावन व लेखपाल ऋषभ ने बिकरू गांव का नक्शा रखकर गांव वालों से उनकी कब्जे वाली भूमि की पड़ताल की।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com