प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई एयरपोर्ट में 805 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने जीवीके ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है.
इस केस में प्रवर्तन निदेशालय ने जीवीके ग्रुप के चेयरमैन जी वेंकट कृष्ण रेड्डी, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जीवी संजय रेड्डी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दूसरे 9 प्राइवेट फर्म को आरोपी बनाया है. इन लोगों पर 805 करोड़ रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप है.
ईडी के मुताबिक आरोपियों ने 805 करोड़ रुपये का हेरफेर किया और इतनी रकम डकार गए, जिससे कि सरकारी खजाने को 805 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
बता दें कि केंद्र सरकार ने मुंबई एयरपोर्ट को मैनेज, ऑपरेट और डिवेलप करने का जिम्मा जीवीके ग्रुप को दिया था. ये डील 4 अप्रैल 2006 को हुई थी. आरोप है कि जीवीके ग्रुप ने 805 करोड़ रुपये की सरकारी रकम का फ्रॉड किया है.
इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज और छापेमारी की है. सीबीआई जब केस की जांच में जुटी, तो मामला खुलता चला गया.
सीबीआई ने जांच में पाया कि एयरपोर्ट के आसपास 200 एकड़ की सरकारी जमीन को किसी बढ़िया होटल या मॉल बनाने लायक करने में करोड़ों रुपये का घपला हुआ है.