कोरोना से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक शुरू हो गई है. बैठक की शुरुआत चीन सीमा पर हुए खूनी झड़प में भारतीय जवानों की शहादत को सलाम करके किया गया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी को भ्रम, संदेह नहीं होना चाहिए. भारत उकसाने पर यथोचित जवाब देने में सक्षम है. भारत शांति चाहता है, लेकिन जवाब देना भी जानता है. भारत अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा. हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं.
बैठक में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री शामिल हैं. मुख्यमंत्री अपनी-अपनी बात रखेंगे. सबसे पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे बोलेंगे. हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है.
आज की बैठक लंबी चलने की उम्मीद है, क्योंकि यह सभी बड़े राज्य हैं और इनमें कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आगे की रणनीति और तैयारियों पर बातचीत की जाएगी. टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर बात की जाएगी.
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपाल से बात की थी. पंजाब सरकार की ‘माइक्रो कन्टेनमेंट’ और ‘हाउस टू हाउस सर्विलान्स’ (घर-घर की निगरानी) रणनीति की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सभी राज्यों से इस मॉडल को अपनाने के लिए कहा.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोरोना से मुकाबला करने के लिए राज्य के मॉडल की डिटेल दी थी, जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया कि सभी राज्यों को प्रभावी ढंग से महामारी का मुकाबला करने के लिए ऐसी ही रणनीति का अनुसरण करना चाहिए.
बैठक के दौरान, कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि कुछ मुख्यमंत्रियों को शामिल कर एक समूह बनाया जाना चाहिए, जो अर्थव्यवस्था पर कोरोना के विनाशकारी प्रभाव से निपटने के लिए एक समन्वित केंद्र-राज्य प्रतिक्रिया रणनीति तैयार करने पर विचार करे.
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हुए थे.