दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमित (COVID19) मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत ही नहीं, अमेरिका जैसे देशों में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए अस्पतालों में वेंटीलेटर्स की भारी कमी है, जिसका कारण इनकी सप्लाई कम और बहुत महंगा होना है। चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (CSIO) ने महंगे वेंटीलेटर का विकल्प तैयार कर दिया है।
CISO साइंटिस्ट ने देश में सबसे सस्ता और मरीजों से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने वाला पोर्टेबल वेंटीलेटर तैयार कर लिया है। अब 20 से 25 हजार में पोर्टेबल वेंटीलेटर मिल सकेगा।
चेन्नई की प्राइवेट कंपनी को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की गई है। जून के अंत तक पहले चरण में 5000 पोर्टेबल वेंटीलेटर देश के बाजारों में उपलब्ध हो सकेंगे। CISO के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. विनोद करार की देखरेख में वेंटीलेटर तैयार किया गया है।
CISO को पोर्टेबल वेंटीलेटर रेसप्रिशन असिस्टेंट इंटरवेंशन डिवाइस (रेसपी-एड) को खासतौर पर कोविड-19 की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।
आठ से 10 किलोग्राम भार के इस वेंटीलेटर में कोरोना पेशेंट की जरूरत के सभी फंक्शन हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि सस्ता होने के कारण देशभर में कम बजट और सरकारी अस्पतालों में भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। पोर्टेबल वेंटीलेटर का एक वर्जन खासतौर पर एंबुलेंस के लिए तैयार किया है। बिजली नहीं होने पर भी बैटरी से एक घंटा यह काम करेगा।
CISO द्वारा पोर्टेबल वेंटीलेटर को चंडीगढ़ के ही गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
कॉलेज डायरेक्टर डॉ. बीएस चवन और डॉ. संजीव पालटा ने वेंटीलेटर को तैयार करने में काफी अच्छे सुझाव दिए। CISO साइंटिस्ट डॉ. विनोद करार के साथ ही डॉ. दिनेश, डॉ. नीलेश कुमार सहित करीब 15 सदस्यों की टीम ने बेजोड़ मेहनत से इसे तैयार किया है। डॉ. सुरेंद्र सैनी के अनुसार इस पोर्टेबल वेंटीलेटर की दूसरे देशों में भी काफी डिमांड रहेगी।
CISO बिजनेस इनोवेटिव एंड प्रोजेक्ट प्लानिंग केे प्रमुुुख डॉ. सुरेंद्र सिंह का कहना है कि कोविड-19 की जरूरतों को देखते हुए ही पोर्टेबल वेंटीलेटर तैयार किया है।
कम लागत के कारण यह कम बजट अस्पतालों में भी उपलब्ध हो सकेगा। बीते दो महीने में कोविड-19 पर ही CISO ने इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन मशीन, डेंटल पीपीई किट और आइआर थर्मामीटर सहित चार उपकरण तैयार किए हैं।
CISO के टीम लीडर एंड चीफ साइंटिस्ट डॉ. विनोद करार का कहना है कि वेंटीलेटर नहीं होने के कारण कोविड-19 मरीजों की मूवमेंट से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
यह उपकरण आने वाले दिनों में बहुत ही कारगर साबित होगा। सस्ता होने के कारण अस्पताल अधिक वेंटीलेटर की सुविधा दे सकेंगे।