मेरठ में कोरोना संक्रमितों को ठीक करने के लिए कोविड-अस्पताल के चिकित्सक अब संगीत का सहारा ले रहे हैं। संगीत थेरेपी के जरिए चिकित्सक अब तक कई कोरोना संक्रमितों को ठीक कर चुके हैं जिनमें जमाती भी शामिल हैं।

कोरोना संक्रमित जमातियों को मजहब और इबादत से जुड़ी दुआएं सुनाई गईं जिसका असर ये हुआ कि तनाव कम हुआ और संक्रमित जमाती स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट गए। जानें कैसे काम कर रही है डाॅक्टरों की सरगम थेरेपी
कहा जाता है कि बीमारी में दवा के साथ-साथ दुआ भी काम आती है। मेरठ के पांचली खुर्द स्थित कोविड अस्पताल में इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला। यहां अब तक 30 जमाती दवा और दुआ के साथ ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। दरअसल, कोरोना संक्रमितों को जल्दी ठीक करने के लिए चिकित्सक उनकी पसंद नापसंद के साथ संगीत का भी सहारा ले रहे हैं।
कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले चिकित्सकों को कहना है कि उन्होंने जमातियों को जल्द स्वस्थ्य करने के लिए दवा के साथ उनकी मानसिक स्थिति को भी मजबूत बनाने के लिए संगीत सुनाया गया। उनकी धार्मिक भावनाओं को देखते हुए चिकित्सकों ने उनके कहने पर इबादत से संबंधित दुआएं भी सुनवाईं।
जमातियों का इलाज करने वाले डॉ. तरुण राजपूत, डॉ. प्रफुल्ल वर्मा और डॉ अनामिका सिंह ने बताया कि मरीजों को ठीक करने के लिए उनकी मानसिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें तनाव में न आने देना बेहद जरूरी है।
ऐसे में संक्रमित जमातियों से उनकी पसंद और नापसंद के बारे में भी जानकारी ली गई। उनसे पूछा गया कि उनकी और किस तरह मदद की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने मजहब से जुड़ी दुआएं सुनने की बात कही। इसके बाद चिकित्सकों ने कोरोना वार्ड में स्मार्टफोन के जरिए जमातियों को दुआएं सुनवाईं।
डाॅ. अनामिका ने बताया कि मरीजों का इलाज कर अब वह छुट्टी पर हैं। उनके सामने 30 कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करना बड़ी चुनौती थी लेकिन उन्होंने टीम बनाकर सभी जमातियों से उनकी पसंद और नापसंद को जाना और 15 दिनों तक मरीजों से मोटिवेशनल बातचीत की। नतीजन, सभी पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं
इसी तरह मेडिकल में कोरोना संक्रमितों को ठीक करने के लिए भी चिकित्सकों ने संगीत का सहारा लिया। मरीजों से उनकी रुचि के बारे में जानकारी ली गई। उन्हें हल्का संगीत सुनने की छूट प्रदान की।
डॉक्टरों का कहना है कि इससे मरीजों में कोरोना को लेकर भय दूर हुआ और वे तनाव से दूर रहे। लिहाजा दवाओं ने बेहतर असर किया और वे जल्दी ठीक होकर अपने घरों को लौट गए हैं।
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