आपने बहुत से लोग देखें होंगे जो बहुत ही डरपोक होते हैं। उनके अंदर जरा सा भी साहस नहीं होता। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसके लिए चंद्रमा बहुत हद तक जिम्मेदार होता है। यदि व्यक्ति के हाथों में चंद्र पर्वत सामान्य से अधिक विकसित हो तो वे हद से ज्यादा भावुक होते हैं। छोटी सी बात उन्हें झकझोर देती है। ऐसे लोगों के अंदर साहस ना के बराबर होता है औा ये लोग निराशा होकर जल्दी पलायन भी कर जाते हैं।

हस्तरेखा विज्ञान में चंद्र ग्रह को इंसान के सबसे करीब माना गया है। हथेली में चंद्रमा शुक्र ग्रह के उल्टी ओर होता है। पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार चंद्र ग्रह सुंदरता एवं भावना का कारक ग्रह भी है। चंद्र पर्वत विकसित हो जाए तो व्यक्ति भावुक, कल्पनाशील हो जाता है। ऐसे लोग प्रकृति प्रेमी, सौंदर्यप्रिय और इंसानी दुनिया से हटकर सपनों की दुनिया में विचरण करने वाले हाते हैं। ऐसे लोग हमेशा सपनों में खोए रहते हैं।
खास बात यह भी है कि इस तरह के लोग जीवन में परेशानियों का सामना नहीं कर पाते और बहुत जल्द विचलित हो जाते हैं। ये लोग एकांत माहौल पसन्द करते हैं। कलाकार ,संगीतज्ञ, साहित्यकार और वाचक इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे लोग किसी के दबाव में काम करते। स्वतंत्रतापूर्वक काम करना ऐसे लोगों को अच्छा लगता है। यदि चंद्र पर्वत का झुकाव शुक्र पर्वत की ओर हो जाए तो व्यक्ति बेहद कामुक प्रवृत्ति का हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अच्छे एवं बुरे काम में फर्क नहीं कर पाता। चंद्र पर्वत पर आड़ी-टेड़ी रेखाएं हों तो जातक अपने जीवन में जल यात्रा करता है।
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