देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कई अफवाहों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस मृत शरीर से नहीं फैलता है. इसलिए अगर किसी शख्स की कोरोना वायरस से मौत हो जाती है तो डेड बॉडी को जलाने में कोई खतरा नहीं है.
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस से मरने वाली महिला के अंतिम संस्कार के दौरान ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई थी. शनिवार को जब महिला के परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए यमुना बाजार स्थित निगम बोध घाट लेकर गए थे तो यहां पर अजीब स्थिति पैदा हो गई थी.
निगम बोध घाट के कर्मचारियों ने शवदाह की इजाजत देने से ही इनकार कर दिया. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक निगम बोध कर्मचारियों ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के डर से महिला का अंतिम संस्कार होने से रोक दिया. कर्मचारियों के इस रवैया के कारण परिवार को शव का दाह संस्कार करने के लिए इंतजार करना पड़ा.
इसके बाद खबर चलने के बाद और उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला का अंतिम संस्कार संभव हो सका. निगम बोध घाट में सीएनजी शवदाह गृह पर महिला का अंतिम संस्कार हुआ.
इस स्थिति के बाद दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने लोगों को जागरुक किया. उन्होंने कहा कि कोरोनो वायरस डेड बॉडी से नहीं फैल सकता है.
यह खांसने और छींकने से फैलता है. इस वायरस के फैलने के लिए छींकना-खांसी जरूरी है. इसलिए संक्रमित शरीर का अंतिम संस्कार करने में कोई जोखिम नहीं है.”