इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया

Jyotiraditya Scindia ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। यह पूरा देश होली की मस्ती में मस्त था, तब मध्यप्रदेश में यह सियासी घटनाक्रम चल रहा था। बहरहाल, Jyotiraditya Scindia के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने भी पिता के इस सबसे बड़े सियासी कदम पर प्रतिक्रिया दी है।

महाआर्यमन का कहना है कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है। किसी परंपरा को छोड़ने के लिए बहुत साहस होना जरूरी है। माधव राव सिंधिया के पोते ने ट्विटर पर यह भी लिखा कि इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा। हम वादा करते हैं कि देश और मध्यप्रदेश में प्रभावी बदलाव के लिए काम करेंगे।

इससे पहले महाआर्यमन ने अपने पिता Jyotiraditya Scindia का इस्तीफा भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था जो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिखा था।

महाआर्यमन ने हरियाणा के कांग्रेस नेता कुलदीप विश्नोई का वह ट्वीट भी शेयर किया, जिसमें लिखा गया था कि Jyotiraditya Scindia पार्टी का अहम हिस्सा थे और शीर्ष नेतृत्व को उन्हें रोकना चाहिए था।

महाआर्यमन ने 2018 में अपनी पहली रैली को संबोधित किया था। यह रैली शिवपुरी में हुई थी। सिंधिया खानदार के इस बेटे ने देहरादून के दून स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर अमेरिका की याले यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की है।

बता दें, राजमाता सिंधिया इस बात से खफा थीं कि उनका बेटा माधवराव सिंधिया कांग्रेस में जा रहा है। इसके बाद मां और बेटे के बीच सालों तक बात नहीं हुई थीं, लेकिन जब महाआर्यमन के रूप में पडपोता हुआ तो वे उसे देखने राज महल आई थीं।

Jyotiraditya Scindia के बारे में कहा जा रहा है कि वे किसी भी दिन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा की शीर्ष नेतृत्व इस बात पर राजी हो गया है कि मध्यप्रदेश के कोटे से Jyotiraditya Scindia को राज्यसभा भेजा जाए और फिर मंत्री पद दिया जाए। बदल में Jyotiraditya Scindia समर्थक विधायक मध्यप्रदेश में भाजपा का साथ देंगे।

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