पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असली असर होली के बाद पता चलेगा। कारण यह कि गैरसैंण विधानसभा सत्र में पूरे सरकारी अमले के व्यस्त होने के कारण अभी तक हड़ताल का प्रभाव पूरी तरह नजर नहीं आ रहा था। इतना ही नहीं, हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि गुरुवार 12 मार्च से स्वास्थ्य, परिवहन व ऊर्जा सेवाओं के कर्मचारी संगठन भी उनके साथ खड़े होंगे। ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था काफी हद तक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड में इस समय जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर हड़ताल पर है। इसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए सरकार से पदोन्नति पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचरियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दो मार्च से शुरू हुई। हड़ताल के कारण प्रदेश के अधिकांश कार्यालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस समय केवल अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं।
अनिश्चितकालीन हड़ताल की इस अवधि में गैरसैंण में बजट सत्र चल रहा था। सत्र में विभागीय बजट भी पेश होने थे, ऐसे में तकरीबन सभी विभागों व सचिवालय के बड़े अधिकारी गैरसैंण में ही थे। अब सत्र स्थगित हो गया है। मंगलवार 10 मार्च तक होली का अवकाश है। बुधवार से सरकारी कार्यालय खुलेंगे। अब क्योंकि सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठेंगे और कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो निश्चित तौर पर कार्य के सुचारू संपादन में दिक्कतें हो सकती हैं।
इतना ही नहीं, हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि 12 मार्च के बाद स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा व पेयजल विभाग के कर्मचारी भी उनके साथ हड़ताल पर जुटेंगे। जाहिर है कि इस सूरत में व्यवस्था पटरी से उतर सकती है।
जारी रहेगी हड़ताल
जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के मुताबिक, पदोन्नति पर लगी रोक न हटने तक हड़ताल जारी रहेगी। सरकार ने कर्मचारियों के साथ बात करने का प्रयास नहीं किया है। बुधवार के बाद अन्य विभागों के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो रहे हैं। इसके बाद सचिवालय, विधानसभा और मंत्री व विधायक आवास घेराव जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कर्मचारी अपनाएं बातचीत का रास्ता
कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि कर्मचारियों को हड़ताल की बजाय बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। प्रदेश हित में बजट पास करना जरूरी था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मै स्वयं और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह भी कर्मचारियों से बातचीत कर चुके हैं। कर्मचारियों को इसे इगो न बनाकर बातचीत के जरिये सकारात्मक हल निकालने की दिशा में बढऩा चाहिए।
लैंसडौन विधायक भी जनरल-ओबीसी कार्मिकों का समर्थन में
लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने जनरल-ओबीसी कार्मिकों की मांगों का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री से पदोन्नति से रोक हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कार्मिकों की हड़ताल से प्रदेश में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें विधायक ने कहा कि जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल की ओर से बताया गया है कि राजकीय सेवाओं में पदोन्नति में रोक लगाई गई है। जिसे तत्काल हटाने की मांग की जा रही है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के बीते फरवरी में जारी आदेश का अनुपालन भी किया जाना चाहिए। विधायक ने पत्र में कहा कि मांगों को लेकर जनरल-ओबीसी कार्मिक आंदोलनरत हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
दीपक जोशी पर कार्रवाई की मांग
एससी-एसटी वर्ग के कार्मिकों के तेवर भी तल्ख हो गए हैं। उन्होंने जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारी नेता दीपक जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें फेडरेशन के पदाधिकारियों ने सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष करम राम ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी कर्मचारियों को दफ्तर में कार्य करने के दौरान धमकाया जा रहा है। जिससे उन्हें खतरा पैदा हो गया है।
इसके अलावा उन्होंने जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारी नेता दीपक जोशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। साथ ही दीपक जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र दीपक जोशी पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो इसे सरकार के उन्हें शह देना माना जाएगा। ऐसे में एससी-एसटी वर्ग के कार्मिक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
प्रांतीय महासचिव हरि सिंह ने बताया कि फेडरेशन 12 मार्च को प्रत्येक जनपद में मशाल जुलूस निकालेंगे। यही नहीं 15 मार्च को जिला स्तर पर ही बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार इंदु कुमार समिति व इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए पदोन्नति में आरक्षण अधिनियम बनाया जाए। बताया कि 22 मार्च को एससी-एसटी व ओबीसी कार्मिकों के संगठनों का अधिवेशन भी किया जाएगा। बैठक में कांता प्रसाद, सुंदरलाल, चंद्र सिंह ग्वाल, जयापाल सिंह, रणवीर सिंह तोमर, गंभीर सिंह तोमर, विमला, रामबचन, सोहनलाल आदि उपस्थित थे।