जूही माल गोदाम में शनिवार की सुबह पटरी पर कोयले का पत्थर आने से मालगाड़ी डिरेल हो गई। झारखंड से कोयला लाकर गोदाम में उतारने के बाद शंटिंग के दौरान घटना हुई। वैगन का बैक व्हील सेट निकल जाने से रेलवे तकनीकी टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ओएचई बंद किए बिना किसी तरह वैगन को पटरी पर चढ़ाया।
शनिवार की सुबह करीब नौ बजे झारखंड से कोयला लेकर आई मालगाड़ी की जूही यार्ड में अनलोडिंग हो गई थी। इसके बाद मालगाड़ी की शंटिंग की जा रही तो पटरी पर कोयले का बड़ा पत्थर आने से एक वैगन डिरेल हो गया। इस दौरान वैगन का एक व्हील सेट यानी चार पहिये अलग हो गए। झटके के साथ मालगाड़ी रुक गई, इसपर चालक ने मुख्य यार्ड मास्टर को सूचना दी। मुख्य यार्ड मास्टर यश भान सिंह तोमर गैंग के साथ मौके पर पहुंचे।
करीब साढ़े नौ बजे गैंग ने वैगन को पटरी पर लाने का काम शुरू किया। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद वैगन को पटरी पर लाया जा सका। मुख्य यार्ड मास्टर ने बताया कि रात में बारिश के बाद कोयले का बुरादा बहकर नीचे आया था। अनलोडिंग के दौरान कोयले का बड़ा टुकड़ा पहिए के नीचे आ जाने से शंटिंग के समय वैगन डिरेल हो गया।
हाइड्रा की मदद से पटरी पर चढ़ाया वैगन
रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर मैकेनिकल बीएस मीणा ने बताया पहली बार बिना रेलवे उपकरणों के वैगन को पटरी पर लाया गया है। अगर रेलवे के उपकरणों का प्रयोग करते तो ओएचई लाइन बंद करनी पड़ती, जिससे मुख्य लाइन प्रभावित होती। पहले हाइड्रा की मदद से ट्रैक के किनारे पड़ी पटरियों को हटाया गया। इसके बाद हाइड्रा की मदद से ही वैगन को पटरी पर चढ़ाया गया।