जामिया मिलिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में जामिया मिल्लिया इस्लामिया स्थित लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं पर सुरक्षाबल जमकर डंडे बरसा रहे हैं। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस वीडियो को जारी किया है।
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने दावा किया है कि 15 दिसंबर को जिस वक्त हिंसक प्रदर्शन हुआ उस वक्त सुरक्षाबल जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन की अनुमति के बगैर कैंपस घुस गए।
यहां लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे सौ से अधिक छात्र-छात्राओं पर जमकर लाठी बरसाईं। छात्रों के मुताबिक, पुलिस ने शौचालयों में जाकर भी लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्रों को गंभीर चोट आई है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्र लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे हैं, इसी दौरान लाइब्रेरी में सुरक्षाबल आते हैं और छात्रों पर लाठी बरसाना शुरू कर देते हैं। साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में बर्बरता की। गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया का जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी से कोई संबंध नहीं है।
आपको बता दें कि अचानक हुए हमले से घबराए विद्यार्थी इधर-उधर भागने लगे थे। छात्र-छात्राएं लाइब्रेरी के ऊपरी मंजिल की ओर भागे, लेकिन यहां भी आंसू गैस के चलते छात्रों ही हालत खराब हो गई। कई छात्र लाइब्रेरी की खिड़की के शीशे तोड़कर बाहर निकले। क्योंकि, मुख्य गेट पर पुलिस आंसू गैस के गोल बरसा रही थी।
इसके बाद छात्राओं ने सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो अपलोड कर विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस आयुक्त से मदद मांगी थी। इसी से विश्वविद्यालय प्रशासन को लाइब्रेरी में पुलिस के आंसू गैस और लाठीचार्ज की जानकारी मिली थी। उन्होंने तुरंत पुलिस अधिकारियों से कैंपस से बाहर जाने का आदेश दिया था।
बिना अनुमति कैंपस में घुसी पुलिस: चीफ प्रोक्टर
जामिया के चीफ प्रोक्टर वसीम अहमद खान ने आरोप लगाया था कि पुलिस बिना अनुमति कैंपस में घुसी और शिक्षकों व पढ़ाई कर रहे छात्रों को पीटा व उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया। विश्वविद्यालय की वीसी नजमा अख्तर ने घटना की निंदा करते कहा कि जो छात्र लाइब्रेरी में थे, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।