आखिरकार वह दिन आ गया जिसका इंतजार पूरे देश को था। यह चुनाव तो केवल दिल्ली विधानसभा का था, लेकिन नजरें पूरे देश की थी। हर कोई यह जानना चाहता था कि दिल्ली की जनता किसे सत्ता की चाबी सौंपेगी। शुरुआती रुझानों में ही आम आदमी पार्टी को बहुमत मिल गया।

आम आदमी पार्टी जैसे एक नवोदित राजनीतिक दल को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय और स्थापित पार्टियां चुनावी रण में उतरी थीं। लेकिन 11 फरवरी की सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होते ही आधे घंटे के भीतर रुझानों से यह तो स्पष्ट हो गया कि दिल्ली के दिल में क्या है।
कई प्रकार के झंझावतों के बीच अरविंद केजरीवाल ने पांच साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री पद को संभाला और दूसरी बार जनमत लेने के लिए कमर कसकर तैयार रहे। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपशब्दों से लेकर हनुमान चालीसा तक का बोलबाला रहा।
मतगणना शुरू होने के एक घंटे बाद ही आम आदमी पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में साज—सज्जा शुरू हो गई। पूरे दफ्तर को गुब्बारों को सजाया गया है साथ ही कार्यकता नए नारे गढ़ रहे हैं।
आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता अब यह नारे लगा रहे हैं:
1. दिल्ली तो हमारी है
अब देश की बारी है
आप कार्यकर्ताओं का नारा
2. दिल्ली का एक ही लाल
केजरीवाल, केजरीवाल
3. राजतिलक की करो तैयारी
आ गए हैं मफलरधारी
वहीं भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश कार्यलय में एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीर लगी है और लिखा है:
जीत से अहंकारी नहीं होते,
पराजय से निराश नहीं होते
दिल्ली कांग्रेस के दफ्तर में सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है।
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