पॉर्न फिल्म देख कर उसकी नकल करते हैं पार्टनर के साथ, तो हो जाइये सावधान! पॉर्न फिल्में जो हमें नहीं दिखाती वह यह है कि महिलाओं के लिए ऑर्गैज्म हासिल करना बेहद मुश्किल है। पॉर्न फिल्म में महज कुछ सेकंड के मास्टरबेशन से महिलाओं को ऑर्गैज्म महसूस हो जाता है लेकिन हकीकत में यह बेहद मुश्किल है। कई बार तो बहुत सी महिलाएं ऑर्गैज्म हासिल ही नहीं कर पाती हैं। अगर आपकी सेक्स लाइफ बेहद सक्रिय है तो आप भी इस बात को जरूर मानेंगे कि पॉर्न में जिन चीजों को दिखाया जाता है वह ऐसी उम्मीदों को जगा देता जो हकीकत में संभव नहीं है।
पॉर्न फिल्म में दिखने वाले लोग बेहद मुश्किल सेक्स पोजिशन्स को भी बड़ी आसानी से निभा लेते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि असल जीवन में इनमें से ज्यादातर सेक्स पोजिशन्स को ट्राई भी नहीं किया जा सकता। ‘पॉर्न फिल्मों में कभी फोरप्ले नहीं दिखाया जाता और ना ही ल्यूब का इस्तेमाल करते हुए दिखाया जाता है। इस तरह के विडियोज गलत एक्सपेक्टेशन बना देते हैं कि सेक्स के दौरान किसी तरह के लुब्रिकेशन की जरूरत नहीं होती। फिर चाहे वह नैचरल हो या दुकान से खरीदा हुआ। ‘अगर कोई लड़की तेज आवाज में आहें नहीं भर रही या कराह नहीं रही तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह सेक्स को इंजॉय नहीं कर रही। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी लोगों को जोर-जोर से आवाज निकालना पसंद हो।’
पॉर्न फिल्मों में जिस तरह की सेक्स लाइफ दिखायी जाती है वह हकीकत में उतनी कामुक या आसान नहीं होती। दुर्भाग्यवश ऐसे लोग जिन्हें सेक्स का पहले कभी कोई अनुभव नहीं होता वे इस भ्रम में गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं। इतना ही नहीं अगर पार्टनर गलती से भी मेरी बॉडी पर इजैक्युलेट कर देता है तो उससे बहस हो जाती है। लेकिन पॉर्न विडियोज में दिखाते हैं कि महिलाएं खुशी-खुशी अपने शरीर पर इजैक्युलेशन को स्वीकार कर लेती हैं। ‘पॉर्न ऐक्टर्स की बॉडी हमेशा परफेक्ट होती है लेकिन हकीकत में किसी का पेट निकला हुआ हो सकता है, ब्रेस्ट लटके हुए हो सकते हैं या फिर प्राइवेट पार्ट छोटा हो सकता है और ये सभी बातें बिल्कुल नॉर्मल हैं।