निर्भया के दोषी विनय की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने शनिवार को निर्भया गैंगरेप केस में चार दोषियों में से एक विनय की दया याचिका को खारिज किया.
विनय के वकील एपी सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी. विनय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.
इससे पहले राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया था. अब तिहाड़ जेल प्रसाशन को पटियाला हाउस कोर्ट में बताना होगा कि राष्ट्रपति ने विनय की दया याचिका को खारिज कर दिया है, इसलिए चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया जाए. हालांकि दया याचिका खारिज होने के बाद विनय के पास अब भी विकल्प है. मुकेश की तरह वो भी चुनौती याचिका दायर कर सकता है.
वहीं मामले में एक और दोषी अक्षय ठाकुर ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है. इस केस में मुकेश सिंह और विनय शर्मा क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका खारिज हो चुकी है. वहीं अक्षय ठाकुर की भी क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी और अब उसने दया याचिका दायर किया है. एक और दोषी पवन कुमार गुप्ता की बात करें तो उसके पास अभी भी क्यूरेटिव और दया याचिका का विकल्प है.
तिहाड़ जेल प्रशासन शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करेगा. तिहाड़ जेल प्रशासन ये बताएगा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है. वही प्रशासन ये भी बताएगा कि दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है जो अभी लंबित है.
इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टाल दी. सभी दोषियों को आज शनिवार सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी. कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी. कोर्ट ने फांसी टालने के लिए नियम 836 का हवाला दिया, जो कहता है कि अगर दया याचिका लंबित है तो दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती. ये फैसला एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने सुनाया.
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती देते हुए कहा कि दोषियों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी. आशा देवी ने कहा कि मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी.
ये दूसरी बार है जब दोषियों की फांसी टाली गई. इससे पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था, लेकिन बाद में इसको टाल दिया गया था.