पदोन्नति में आरक्षण मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित सुनवाई नहीं होगी। दैनिक सुनवाई के लिए प्रस्तावित सूची में पदोन्न्ति मामले का नंबर नहीं आया है। अब इस मामले में जल्द सुनवाई का सरकार की ओर से आवेदन लगाया जाएगा। हाईकोर्ट द्वारा पदोन्नति नियम 2002 निरस्त किए जाने की वजह से चार साल से पदोन्नतियां नहीं हुई हैं। पदोन्नति में आरक्षण मामला सुप्रीम कोर्ट में बीते तीन साल से चल रहा है। सरकार की अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने पदोन्नति से जुड़े एक अन्य प्रकरण में मध्यप्रदेश के मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को सुनवाई प्रस्तावित की थी। सरकार की ओर से इसके मद्देनजर सभी तैयारियां कर ली गई थीं, लेकिन मंगलवार को प्रस्तावित सुनवाई में पदोन्नति मामला शामिल नहीं हो पाया।
सरकार की कोशिश है कि जब तक मामले का निराकरण नहीं हो जाता, तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा यथास्थिति बहाल रखने का आदेश स्थगन में तब्दील हो जाए। इससे सशर्त पदोन्नति करने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, यह भी आसान नहीं है, क्योंकि पदोन्नति नियम निरस्त हो चुके हैं। सरकार ने नए नियमों का मसौदा तो तैयार कर लिया है पर सभी पक्षों के बीच सहमति नहीं बनी है। उधर, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले के प्रभारी अधिकारी अपर आवासीय आयुक्त प्रकाश उन्हाले ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई के लिए प्रस्तावित सूची में प्रदेश का पदोन्नति मामला नहीं है। पदोन्नति नहीं होने से सभी वर्ग परेशान हैं, इसलिए मामले की जल्द सुनवाई के लिए आवेदन लगाया जाएगा।
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