आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोक सेवा गारंटी अधिनियम की पांच विभिन्न सेवाओं की घर पहुंच सुविधा का शुभारंभ करने शनिवार को इंदौर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी शर्म, गर्व और सपने पर बिना लाग-लपेट बात रखी। दावोस के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन से लौटे मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां पहचान के लिए मुझे भी बैज लगाया था। बैज पर लिखा था– मध्यप्रदेश, इंडिया।
एक व्यक्ति ने मुझे रोका। मेरा बैज देखा और जैसे ही उसने देखा मध्यप्रदेश तो कहा– भोपाल गैस! उसको मध्यप्रदेश की पहचान भोपाल गैस से है, यह कितनी शर्म की बात है कि मध्यप्रदेश की ऐसी पहचान है।
जब हम मध्यप्रदेश के भविष्य की बात करते हैं कि हमें मध्यप्रदेश की कैसी पहचान बनानी है, यह तय करना पडेगा। क्या मध्यप्रदेश की पहचान किसानों की आत्महत्या से हो? क्या मध्यप्रदेश की पहचान माफिया से हो? क्या मध्यप्रदेश की पहचान बेरोजगारी से हो? जब तक इस पहचान में परिवर्तन नहीं आएगा, तब तक हम मध्यप्रदेश का एक नया भविष्य नहीं बना सकते।
बहुत सारी चुनौतियां हैं। अभी तो एक बटन दबाकर एक योजना की शुआत हुई, पर सब चीजें बटन दबाकर नहीं हो सकती। हमें अपनी सोच में परिवर्तन लाना है।
कार्यक्रम में गृह मंत्री बाला बच्चन, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने भी संबोधित किया। मंच पर संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला, एसएसपी रचि वर्धन मिश्र,कांग्रेस जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव, शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन, कार्यकारी शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, आदि मौजूद थे।
देश के सबसे साफ शहर इंदौर में भोपाल गैस कांड जैसे शर्म के विषय के बाद मुख्यमंत्री ने इंदौर की सफाई पर गर्व भी महसूस किया। वे बोले कि कितने गर्व की बात है इंदौर देश भर में सबसे साफ शहर के रूप में प्रसिद्ध है।
जब मैं किसी से कहता हूं कि आप इंदौर आइए तो कहता हूं कि देश के सबसे साफ शहर में आइए। जब तक जनता इसमें साथ नहीं देगी, तब तक यह संभव नहीं है। हमारी सरकार का प्रयास है कि कैसे कृषिष क्षेत्र में क्रांति आए। आज इंदौर का व्यापार तब चलता है, जब किसान के हाथ में पैसा होता है। उसमें क्रय शक्ति होती है तो किराना की दुकानें चलती हैं।
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों से हो मध्यप्रदेश की तुलना हमारे प्रदेश की 70 फीसदी आबादी कृषिष क्षेत्र में लगी है। हम अर्थ व्यवस्था के विकास की बात करें तो इस 70 प्रतिशत के बिना नहीं हो सकता।
हमें प्रयास करना है कि हमारी आर्थिक गतिविधि कैसे ब़़ढेगी? रोजगार तो आर्थिक गतिविधि का एक हिस्सा है। रोजगार किसी को मिलता है तो इससे आर्थिक गतिविधि ब़़ढती है। यह तभी संभव है जब हम नई सोच का उपयोग करें।
अपनी उद्योग नीति में इसका प्रयास करें। मेरा तो यह स्वप्न है कि मध्यप्रदेश की तुलना छोटे–छोटे प्रदेशों से नहीं, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हो। आज छोटे–छोटे प्रदेशों से मध्यप्रदेश की तुलना होती है।
हमें केवल कृषिष क्षेत्र में नहीं अन्य क्षेत्रों में सोचना है कि कैसे निवेश आए। यह तभी आएगा जब लोगों का विश्वास बनेगा और सालभर हुआ है, यह विश्वास बनता जा रहा है।