आज पूरे देश में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में मौजूद हैं। जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। अपने संबोधन में उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने का कानून है छीनने का नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं फिर कहूंगा नागरिकता कानून नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है और नागरिकता संशोधन कानून उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है। इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग नागरिकता कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है। और तो और, पाकिस्तान में जिस तरह दूसरे धर्म के लोगों पर अत्याचार होता है, उसे लेकर भी दुनिया भर में आवाज हमारा युवा ही उठा रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कानून रातों रात नहीं लाया गया। देश में इसको लेकर काफी चर्चा हुई, लेकिन इसको लेकर युवाओं में भ्रम फैलाया गया। इस कानून के जरिए हम उन लोगों की मदद कर रहे हैं जो पड़ोसी देशों में अपनी धार्मिक आस्था के चलते प्रताड़ित किए गए।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा कि ऐसे लोगों की मदद करना क्या गलत है। युवाओं के बीच इस कानून को लेकर फैले भ्रम को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने कहा था कि हमें पाकिस्तान में रहने वाले अपने इन भाइयों-बहनों की मदद करनी चाहिए। हमने तो केवल गांधी जी की बात का पालन किया है। जो बात यहां बैठे बच्चों को समझ में आ गई वह कई राजनीतिक दलों के लोगों को समझ में नहीं आई। दरअसल, वे समझना ही नहीं चाहते।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सीएए में हम नागरिकता दे ही रहे हैं। किसी की भी नागरिकता छीन नहीं रहे हैं। इसके अलावा आज भी किसी भी धर्म का व्यक्ति भगवान में को मानता हो ना मानता हो, जो व्यक्ति भारत के संविधान को मानता है वो तय प्रक्रियाओं के तहत भारत की नागरिकता ले सकता है।’