हिंदी फिल्म उद्योग को कश्मीर में फिल्में बनाने का न्योता कश्मीर के राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार फारूख खान ने दिया है। उन्होंने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर अब आतंक का गढ़ नहीं रहा, बल्कि पर्यटकों के लिए सुरक्षित स्वर्ग जैसी स्थली बन चुका है, जहां शूटिंग हो सकती हैं।

11वें मोहम्मद रफी सम्मान कार्यक्रम में खान ने कहा कि जम्मू और कश्मीर को लेकर नकारात्मक धारणा बनाई जा रही है कि यहां अब भी काफी मुश्किल हालात हैं। अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जा खत्म होने के बाद भी यहां स्थितियों में कुछ खास सुधार नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि अब कश्मीर आतंक की जगह नहीं, पर्यटन की जगह बन चुकी है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर आज जमीन पर उस छवि से बहुत अलग है, जो दुनिया को बताई जा रही है। इसे देखने के लिए वहां जाना होगा। खान ने उम्मीद जताई कि देशवासियों को आज का कश्मीर देश के किसी भी अन्य हिस्से जितना शांतिपूर्ण लगेगा।
खान ने कहा कि फिल्म उद्योग और कश्मीर को अपने पुराने रिश्ते फिर से सक्रिय करने की जरूरत है। यहां अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग होनी चाहिए। लोगों की धारणा को बदलने में समय लगता है, सरकार भी इसमें बदलाव चाहती है। फिल्मों के जरिये कश्मीर को विश्व के सामने पर्यटन स्थल के रूप में फिर से प्रचारित किया जा सकेगा।