कड़ाके की ठंड और बर्फबारी ङोल रहे कश्मीर की आबोहवा लगातार प्रदूषित हो रही है। रविवार को कश्मीर के नौ शहरों में वायु प्रदूषण सूचकांक रेड कैटेगरी में रहा। इसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। यही कारण है कि कश्मीर में सांस संबंधी रोगों से पीड़ितों की संख्या भी अधिक है।

स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो 0 से 50 तक वायु प्रदूषण सूचकांक सेहत के लिए अच्छा होता है। इसके ऊपर सूचकांक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। 50 से 100 के बीच के सूचकांक को सेहत के लिए थोड़ा खराब माना जाता है।
इससे अधिक सूचकांक को अधिक खतरनाक समझा जाता है। इसे ओरेंज व रेड कैटेगरी में रखा जाता है। रविवार को जब कश्मीर चिल्ले कलां से कंपकंपा रहा था तो इसके कई शहरों में वायु सूचकांक खराब था। जम्मू संभाग में भी कठुआ शहर ओरेंज केटागिरी में था। जम्मू में बारिश के बाद सुधार हुआ है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले श्रीनगर को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 10वें नंबर और जम्मू को 20वें पायदान पर रखा था।केंद्र व राज्य सरकार ने रिपोर्ट को नकार दिया था। बावजूद हर दिन लिए जाने वाले वायु प्रदूषण सूचकांक में राज्य के कई शहरों व कस्बों की हवा प्रदूषित पाई जाती है।
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