हिंदू धर्म में पूजा पाठ को बहुत महत्व दिया जाता है और भगवान के लिए व्रत और उपवास को भी विशेष कहा जाता है. ऐसे में बात करें इस दौरान पूजा की तो पूजा की पूजन साम्रगी में कई ऐसी विशेष वस्तुओं को स्थान दिया जाता हैं जो इंसान का भाग्य खोल सकती है. जी हाँ, इन्ही में धार्मिक कार्यों में श्रीफल यानी की एकाक्षी नारियल का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है पूजा पाठ में श्रीफल अर्पण करने का विधान हैं और श्रीफल को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं. श्रीफल को प्रसाद रूप से लेकर भेंट के रूप तक में दिया जाता है और अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सभी नारियल श्रीफल नहीं होते हैं लेकिन एकाक्षी नारियल ही श्रीफल होता हैं, तो आज जानते हैं इसके बारे में.
कहा जाता है एकाक्षी नारियल को साक्षात महालक्ष्मी का रूप कहते हैं और यह बहुत ही दुर्लभ रूप से मिल पाता हैं. जी हाँ, दरअसल सैंकड़ो नारियलों में से कोई एक श्रीफल होता हैं और धार्मिक मान्यता के अनुसार जिसे एकाक्षी नारियल मिल जाए उसकी किस्मत चमक जाती है और उस पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा होना शुरू हो जाती है, इसी के साथ उसके जीवन में कभी भी कोई भी आर्थिक संकट भूल से भी आ नहीं पाता है. इसी के साथ एकाक्षी नारियल को तोड़ना अशुभ कहा जाता है. जी दरअसल सामान्य नारियल की आकृति में तीन छिद्र होते हैं और उन्हें दो आंखें और एक मुख कहते हैं इसी के साथ नारियल में तीन खड़ी रेखाएं भी दिखाई देती हैं.
वहीं अगर एकाक्षी नारियल की बात करें तो उसमे केवल दो छिद्र होते हैं जिन्हें एक मुख व एक आंख कहा जाता हैं और एकाक्षी नारियल में केवल दो रेखाएं होती हैं. जी हाँ, एकाक्षी नारियल को विशेष मुहूर्तों जैसे की दिवाली, होती, रवि पुष्य , गुरु पुष्य, ग्रहण काल आदि पा षोडषोपचार पूजा कर उसे लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान या तिजोरी में रखने या पूजा स्थान में रख्न देने से धन कभी घर से जाता नहीं है.