आज हम आपको ऐसे नेता के बारे में बता रहे हैं, जिसकी डिग्रीयों ने उसे दुनिया में पहचान दिलाई. ये थे कांग्रेस पार्टी के नेता श्रीकांत जिचकर, जिन्होंने कुल 42 विश्वविद्यालयों से 20 डिग्रियां हासिल की थीं. श्रीकांत की डिग्रियों ने ही उन्हें और लोगों से अलग किया और पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया. आइए पढ़ते हैं इनके बारे में सबकुछ
श्रीकांत जिचकर का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है.
-श्रीकांत की इतनी सारी डिग्रियों की वजह से ही उन्हें भारत का ‘मोस्ट क्वालिफाइड पर्सन (सबसे अधिक पढ़ा-लिखा आदमी)’ कहा जाता था.
-जिचकर का जन्म नागपुर में एक मारठा परिवार में हुआ था.
-2 जून 2004 में जिचकर की कार का एक्सिडेंट हो गया था, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई थी.
-श्रीकांत जिचकर ने कई विषयों में एमए किया था.
-उनके पास एमबीए, एमबीबीएस, पीएचडी, एमडी और डी लिट जैसी डिग्री भी थी.
-इतना ही नहीं, वह 1978 में आईपीएस और 1980 में आईएएस भी रह चुके थे.
-जिन डिग्रियों को कमाने में एक इंसान अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है, वैसी 20 डिग्रियां थीं जिचकर के पास.
-श्रीकांत जिचकर ने 1980 में आईएएस बनने के बाद अपना मन बदला और महाराष्ट्र विधानसभा से चुनाव लड़ा.
-इसी के साथ उन्होंने सियासी गलियारे में कदम रखा और अपनी पहली जीत दर्ज की.
-श्रीकांत की राजनीति में कितनी पकड़ थी इसका पता इसी बात से चल सकता है कि उन्हें 14 विभाग सौंपे गए थे.
-वे 1986 से 1992 तक महाराष्ट्र विधान परिषद और 1992 से 1998 तक राज्यसभा सांसद रहे.
-आपको बता दें कि वह महज 25 साल की उम्र में एमएलए बन गए थे.
जिस इंसान के पास इतनी सारी डिग्रियां हों वह पढ़ता भी खूब होगा ये तो सभी मानते हैं. किताबों से उन्हें कितना लगाव था इसका पता इसी बात से चलता है कि उनकी अपनी एक निजी लाइब्रेरी थी, जिसमें 52 हजार से भी अधिक किताबें थीं.देखिए डिग्रियों की पूरी लिस्ट.
-मेडिकल डॉक्टर ( एमबीबीएस एंज एमएड)
-लॉ(एलएलबी)
-पोस्ट ग्रेजुएशन इन इंटरनेशनल लॉ (एलएलएम)
-मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन(डीबीएम एंड एमबीए)
-जर्नलिज्म(बी.जर्न)
-एमए(पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन)
-एमए(सोशलॉजी)
-एमए(इकोनॉमिक्स)
-एमए(संस्कृत)
-एमए(हिस्ट्री)
-एमए(इंग्लिश लिट्रेचर)
-एमए(फिलोस्फी)
-एमए(पॉलिटिकल साइंस)
-एमए(एनसेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड पुरातत्त्व)
-एमए(साइकोलॉजी)
-डी.एलटीटी(डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) इन संस्कृत- द हाईएस्ट ऑफ एनी डिग्री इन ए यूनिवर्सिटी
-आईपीएस एग्जामिनेशन इन 1978
-आईएएस एग्जामिनेशन इन 1980