अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों से जो वादा किया था उसे दिवाली से पहले पूरा कर दिया है।

सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के सभी भत्तों के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह आदेश 31 अक्टूबर, 2019 से अस्तित्व में आएगा यानी अगले महीने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी मुलाजिमों को केंद्रीय कर्मचारियों जैसा वेतन भत्ता लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
इससे पहले भी मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (dearness allowance) में पांच फीसद के इजाफे की घोषणा की थी। सरकार ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए दोनों राज्यों के कर्मचारियों को यह तोहफा दिया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को जो गिफ्ट दिया है उससे पूर्व सरकारी कर्मचारियों को भी फायदा होगा।
बता दें कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 अगस्त, 2019 को राष्ट्र को संबोधित किया था। राष्ट्र के नाम अपने संबोधिन में पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग को लागू करके सभी वित्तीय सुविधाएं दिए जाने का आश्वासन दिया था। पीएम मोदी द्वारा किए गए इसी वादे के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाले लाभ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी, हाउस रेंट अलाउंस, एजुकेशन अलाउंस, हेल्थ स्कीम जैसी अनेक सुविधाएं मिलती हैं लेकिन इसमें से अधिकांश सुविधाएं जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों को नहीं मिलती हैं।
सरकार अब इसकी समीक्षा करके उक्त सारी सुविधाएं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को भी मुहैया कराएगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एलान किया था कि दोनों राज्यों में विद्यार्थियों के लिए प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार किया जाएगा।
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