पंचायत जन अधिकार मंच ने प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनाव में अपने फायदे के लिए कई अव्यवहारिक संशोधन करने और चुनाव में गड़बड़ियां करने का आरोप लगाते हुए एक दिवसीय उपवास रखा। साथ ही उन्होंने लोगों को अपने मत का सही उपयोग करने के प्रति लोगों को जागरूक किया।
राजीव गांधी कॉम्पलेक्स परिसर में मंच के उपवास को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समर्थन देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पंचायतों को मजबूती देने के लिए पंचायत राज एक्ट बनाया, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उस एक्ट में कई अव्यवहारिक संशोधन करके पंचायतों को कमजोर किया है। पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग कर पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास कर रही है। इसलिए पंचायतों की रक्षा के लिए सबको एकजुट होने की जरूरत है।
पूर्व काग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कानून में कई गलत प्रावधान कर ग्रामीण सरकार को कमजोर किया है। पंचायत जनाधिकार मंच के संस्थापक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसमें पंचायत के कुछ पदों पर राहत दी गई है, कुछ को छोड़ दिया गया है। व्यवस्था एक ही होनी चाहिए थी।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना से पहले आरक्षण में गड़बड़िया और अधिसूचना के बाद आरक्षण में बदलाव हुए हैं। पहले चरण के मतदान में कई जगह से मतपत्रों के फटे होने की सूचना तथा सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा जबरदस्ती अपने पक्ष में मतदान करवाने की सूचनाएं भी आ रही हैं। इसका मंच विरोध करता है और इसके खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहेगा।